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Kolkata Doctor Rape, Murder Case : आरजी कर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को क्यों बचा रहे? कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार से पूछा सवाल, मांगी केस डायरी

Kolkata Doctor Rape, Murder Case : उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से यह भी सवाल किया कि आप कैसे आश्वस्त करेंगे कि जांच पारदर्शी होगी? मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा. संदीप घोष ने कल अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। मगर इस्तीफे के कुछ ही समय बाद कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उन्हें फिर से नियुक्त कर दिया गया है।

नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला ट्रेनी डाक्टर की रेप और हत्या के मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान आज हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से तीखा सवाल करते हुए पूछा कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को सरकार क्यों बचाने का प्रयास कर रही है? साथ ही कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि आप कैसे आश्वस्त करेंगे कि जांच पारदर्शी होगी? कोर्ट ने इस पूरे मामले की केस डायरी आज ही पेश करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा. संदीप घोष ने कल अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। मगर इस्तीफे के कुछ ही समय बाद कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उन्हें फिर से नियुक्त कर दिया गया है।

इसके चलते पश्चिम बंगाल के मंत्री जावेद अहमद खान और टीएमसी विधायक स्वर्ण कमल साहा को कोलकाता में कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में छात्रों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। हाईकोर्ट ने चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या इस मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का बयान लिया गया है? राज्य सरकार से पूछा कि क्या इस मामले की जांच के लिए किसी विशेष जांच दल का गठन किया गया है, इस पर सरकार ने जवाब दिया कि 7 सदस्यों वालों एसआईटी बनाई गई है।

उधर, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन एम्स दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. इंद्र शेखर प्रसाद ने कहा कि यह बहुत गंभीर घटना है। ड्यूटी पर तैनात एक महिला की यौन उत्पीड़न के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई। अगर कार्यस्थलों पर ऐसी घटनाएं होंगी, तो महिलाएं कैसे काम करेंगी? हम इसकी सीबीआई जांच चाहते हैं, तब तक हम अपना विरोध जारी रखेंगे। आपको बता दें कि महिला ट्रेनी डाक्टर की रेप के बाद हत्या के विरोध में देशभर के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डाक्टर कल से हड़ताल पर हैं। डाक्टरों ने आज ओपीडी सेवाओं का भी बहिष्कार कर दिया है। इससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। अस्पतालों में मरीज और उनके तीमारदार इधर-उधर भटक रहे हैं।