पटना। बिहार में सीएम नीतीश कुमार आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर सरकार चला रहे हैं। उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़कर फिर महागठबंधन से हाथ मिलाया था। पिछले कुछ समय से बिहार के सियासी गलियारों में ये चर्चा आम है कि नीतीश एक बार फिर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। इन चर्चाओं के शुरू होने से पहले नीतीश ने कहा था कि वो अब कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। जब महागठबंधन से अलग होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा, तो नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली। उनकी इस चुप्पी को बीजेपी के साथ फिर एक बार जाने से जोड़ा गया। अब इन सबके बीच नीतीश कुमार ने कुछ ऐसा किया है, कि चर्चाओं का बाजार फिर गरमा गया है।
दरअसल, बिहार में अभी चैत्र मास का पर्व चैती छठ चल रहा है। ये 6 दिन का होता है। रविवार को खरना का दिन था। उस दिन नीतीश कुमार ने बीजेपी के नेता संजय मयूख के घर का रुख किया। बताया गया कि नीतीश कुमार खरना का प्रसाद खाने गए थे। संजय मयूख के घर नीतीश का सभी से हंसना, बोलना, हाथ जोड़कर अभिवादन का जवाब देना कुछ अलग संकेत तो नहीं दे रहा? खासकर तब, जबकि संजय मयूख को बीजेपी नेतृत्व का बहुत करीबी माना जाता है। केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के वो करीबी कहे जाते हैं। देखिए संजय मयूख के घर नीतीश कुमार जब खरना का प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे।
पहले इफ्तार.. अब छठ! दबाव या रणनीति! नीतीश कुमार छठ पर बीजेपी एमएलसी संजय मयूख के घर रविवार की शाम खरना का प्रसाद खाने पहुंचे… चर्चा है कि महागठबंधन की सरकार बनने से पहले आरजेडी की इफ्तार पार्टी में भी कुछ ऐसे ही पहुंचे थे.. मायने समझिए pic.twitter.com/ej4dkLlajc
— Prakash Kumar (@kumarprakash4u) March 27, 2023
नीतीश कुमार के बीजेपी के खेमे में एक बार जाने की अटकलों ने तब जोर पकड़ा, जब नीतीश ने खुद विधानसभा में बताया कि राज्यपाल की नियुक्ति के संबंध में अमित शाह ने उनको फोन किया था। इन सबके बीच, नीतीश की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बारे में बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी के दावों से भी मामला कुछ और नजर आता है। सुशील कुमार मोदी लगातार ये दावा कर रहे हैं कि लालू यादव के परिवार के घोटालों के सबूत ललन सिंह ने ही जांच एजेंसियों को दिए। खास बात ये कि ललन सिंह ने अब तक सुशील मोदी के इन दावों को गलत भी नहीं बताया है।