नई दिल्ली। तेलंगाना के मंत्री महमूद अली ने महिलाओं के कपड़ों को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को यूरोपीय लोगों की तरह वस्त्र नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि इससे समस्या हो सकती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी नीति पूरी तरह सेक्युलर है और महिलाएं जो चाहें, वे पहन सकती हैं, लेकिन छोटे कपड़े नहीं पहनने चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म को मानने वाली मुस्लिम महिलाएं धार्मिक वस्त्र पहनें, जबकि हिन्दू धर्म को मानने वाली महिलाएं अपने सिर को पल्लू से ढके। मंत्री अली ने यह बताया कि संवेदनशील वस्त्र पहनने से जनता को सुकून मिलता है।
गौरतलब है कि हाल ही में हैदराबाद के केवी रंगा रेड्डी डिग्री कॉलेज फॉर वूमेन में एक घटना के कारण भारत में कॉलेजों के ड्रेस कोड कानून पर एक गर्मागर्म विवाद प्रारंभ हुआ है। मुस्लिम छात्राएं इसका आरोप लगा रही हैं कि कॉलेज कर्मचारियों ने परीक्षाओं में उन्हें बुर्का नहीं पहनने की मांग की थी, जिससे धार्मिक अभिभावकों के धार्मिक अधिकारों और संस्थागत नियमों के बीच बहस का मुद्दा बन गया।
तेलंगाना के गृहमंत्री मोहम्मद अली का विवादित बयान, कहा “लड़िकयां कम कपड़े ना पहने, इससे परेशानी होती है” pic.twitter.com/mxVXE7J6Yy
— Newsroompost (@NewsroomPostCom) June 17, 2023
छात्राएं शुक्रवार को परीक्षा केंद्र पर पहुंची और इसके बाद आरोप लगाया कि कॉलेज के कर्मचारी ने उन्हें परीक्षा के दौरान बुर्का नहीं पहनने के लिए निर्देश दिए थे। मुस्लिम छात्राएं कह रही हैं कि उन्हें परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले इंतजार करने को कहा गया था। इस घटना से परेशान होकर कुछ छात्राएं अपने माता-पिता के पास गईं, जो उनकी शिकायत को राज्य के गृह मंत्री, मोहम्मद महमूद अली के पास लेकर गए थे जिसके बाद उन्होंने ये विवादित बयान दिया।