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New Parliament Building: आज से नए संसद भवन में शुरू होगा कामकाज, पेश हो सकता है महिला आरक्षण बिल

सुबह 9.30 बजे पुराने संसद भवन के बाहर सभी सांसदों का ग्रुप फोटो सेशन होगा। इसके बाद अपने मंत्रियों और सांसदों की अगुवाई करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी संविधान की प्रति साथ लेकर नए संसद भवन जाएंगे। जहां लोकसभा कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में सांसद अपने विचार रखेंगे।

नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी के अवसर पर आज से देश के नए संसद भवन में कामकाज शुरू होगा। विशेष संसद सत्र सोमवार से पुराने संसद भवन में शुरू हुआ था। आज सुबह 9.30 बजे पुराने संसद भवन के बाहर सभी सांसदों का ग्रुप फोटो सेशन होगा। इसके बाद अपने मंत्रियों और सांसदों की अगुवाई करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी संविधान की प्रति साथ लेकर नए संसद भवन जाएंगे। जहां लोकसभा कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में सांसद अपने विचार रखेंगे। इसके बाद दोपहर 1.15 बजे से नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होगी। नए संसद भवन को मोदी सरकार ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत करीब 1200 करोड़ की लागत से बनवाया है। ये 64500 वर्ग फिट में बना है।

Parliament
नए संसद भवन का लोकसभा कक्ष। यहां आज पहले दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होगी।

जानकारी के मुताबिक दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के दौरान उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, पीएम नरेंद्र मोदी, राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल, सबसे अधिक बार लोकसभा सांसद रहीं मेनका गांधी, सबसे लंबे समय तक राज्यसभा सांसद और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और राज्यसभा और लोकसभा दोनों में मिलाकर सबसे लंबे वक्त तक सांसद रहे जेएमएम के शिबू सोरेन अपनी राय रखेंगे।

PM Modi Video

जानकारी के मुताबिक बीते कल मोदी कैबिनेट ने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का बिल मंजूर किया है। बताया जा रहा है कि महिला आरक्षण का ये बिल आज नए संसद भवन में पास कराने के लिए सरकार पेश कर सकती है। इस बिल को समर्थन देने का कांग्रेस ने भी एलान किया है। बिल पास होने के बाद संसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा। ये बिल पहले भी संसद में लाया जा चुका है, लेकिन सपा और बीएसपी के विरोध की वजह से पास नहीं हो सका था। बिल पास होने के बाद रोटेशनल पद्धति से महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में आरक्षण दिया जाएगा। यानी हर एक कार्यकाल के बाद विधायिकाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों में बदलाव होगा।