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लॉक डाउन में बदल रही है नदियों की सूरत, गंगा के बाद अब यमुना भी होने लगी साफ

लॉक डाउन का असर यमुना पर दिखाई दे रहा है। लॉक डाउन के चलते आद्योगिक प्रदूषण काफी कम हुआ है।

नई दिल्ली। लॉक डाउन के दौर में कुछ बेहद अच्छी खबरें सामने आ रही हैं। गंगा पहले से काफी साफ हो गई है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में गंगा की बेहद साफ तस्वीर सामने आई है। अब लॉक डाउन का असर यमुना पर दिखाई दे रहा है। लॉक डाउन के चलते आद्योगिक प्रदूषण काफी कम हुआ है। कारखाने बंद हैं। इस वजह से यमुना भी बदली बदली नजर आ रही है।

 

विशेषज्ञों के मुताबिक यमुना का पानी पहले से बेहतर हुआ है। इसे देखते हुए नेशलन ग्रीन ट्राइब्यूनल भी हरकत में आया है। उसने इस संबंध में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी से रिपोर्ट तलब की है। एनजीटी की ओर से गठित यमुना मॉनिट्र‌िंग कमेटी ने इस बारे में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।

एनजीटी ने एसपीसीबी और डीपीसीसी से पूछा है कि लॉकडाउन के चलते यमुना के पानी की गुणवत्ता पर कितना असर हुआ है। एनजीटी की ओर से इस रिपोर्ट की समय सीमा भी तय कर दी गई है। ये रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर मिल जानी चाहिए।

ganga

इससे पहले लॉक डाउन का गंगा की स्थिति पर भी खासा बेहतर असर हुआ था। लॉकडाउन के दौरान गंगा का पानी अब काफी साफ नजर आया। कानपुर और वाराणसी में गंगा का 40 से 50 फीसदी पानी साफ हो गया है। लॉकडाउन की वजह से कानपुर में बंद पड़े उद्योगों की वजह से गंगा के जल की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है। गंगा में अधिकतर प्रदूषण कंपनियों की वजह से होता है। लॉकडाउन की वजह से उनके बंद होने के कारण यह महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है।