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UP Govt Employees Salary: यूपी के 39000 सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर संकट!, जानिए किस आदेश का नहीं किया पालन

UP Govt Employees Salary: यूपी के 39000 सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर संकट खड़ा हो सकता है। जानकारी के मुताबिक यूपी के इन 39000 सरकारी कर्मचारियों ने 30 सितंबर 2024 की तय तारीख तक अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी। ऐसे में योगी आदित्यनाथ सरकार उनकी सैलरी रोक सकती है।

लखनऊ। यूपी के 39000 सरकारी कर्मचारियों के लिए सैलरी का संकट खड़ा हो सकता है। जानकारी के मुताबिक यूपी के इन 39000 सरकारी कर्मचारियों ने 30 सितंबर 2024 की तय तारीख तक अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी। इसके लिए पहले 31 अगस्त 2024 की तारीख तय की गई थी। बाद में कर्मचारियों की गुजारिश पर संपत्ति घोषणा के लिए अंतिम तारीख को बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया था। जानकारी के मुताबिक 30 सितंबर तक 60000 कर्मचारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी यूपी सरकार को देनी थी, लेकिन 21000 कर्मचारियों ने ही ब्योरा जमा किया। जबकि, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिए थे कि हर सरकारी कर्मचारी को ऑनलाइन अपनी संपत्ति की जानकारी तय तारीख तक देनी ही होगी।

भ्रष्टाचार को रोकने के लिए केंद्र और सभी राज्य सरकारों के कर्मचारियों को हर साल अपनी और परिवार की हर तरह की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा सरकार को देना होता है। सरकार इससे देखती है कि संबंधित कर्मचारी या उसके परिवार के सदस्यों के पास आय से ज्यादा संपत्ति तो नहीं है। आय से ज्यादा संपत्ति होने पर संबंधित कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई की जाती है। यूपी सरकार ने कर्मचारियों के लिए मानव संपदा पोर्टल बना रखा है। इसी के जरिए कर्मचारियों को अपनी और परिवार के सदस्यों की हर चल और अचल संपत्ति की जानकारी यूपी सरकार को देनी होती है। इससे पहले इसी साल 31 अगस्त तक संपत्ति की जानकारी न देने वाले यूपी के सरकारी कर्मचारियों की संख्या 2.44 लाख थी।

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यूपी सरकार के तहत 846640 कर्मचारी नियुक्त हैं। 31 अगस्त तक इनमें से 602075 ने ही अपनी संपत्ति की जानकारी सरकार को दी थी। बाद में तारीख को 30 सितंबर किए जाने के बाद लगातार यूपी के सरकारी कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्योरा सरकार को दे रहे थे। फिर भी अब तक 39000 सरकारी कर्मचारियों ने ऐसा नहीं किया है। माना जा रहा है कि इन सभी की सैलरी रोकी जा सकती है। संपत्ति का ब्योरा न देने पर नियमों के तहत सरकारी कर्मचारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करने का सरकार को अधिकार है।