newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

UP: नई शिक्षा नीति को लेकर योगी सरकार गंभीर, निचले स्तर तक पारदर्शी ढंग से लागू करने पर जोर

New Education Policy: उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के शिक्षण संस्थाओं में क्रियान्वयन हेतु उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा(Dinesh Sharma) की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की पांचवीं बैठक आज यहां विधानसभा स्थित कार्यालय संख्या-80 में बैठक आयोजित की गई।

नखनऊ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को समग्र रूप से प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं में क्रियान्वयन हेतु उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की पांचवीं बैठक आज यहां विधानसभा स्थित कार्यालय संख्या-80 में बैठक आयोजित की गई। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, प्राविधिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा विभाग तथा बेसिक शिक्षा शिक्षा विभाग द्वारा नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के दिशा में किए गए प्रयासों की कार्ययोजना प्रस्तुत किया गया। बैठक में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के क्रियान्वयन किए जाने की दिशा में विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर कमेटी के सदस्यों द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रदेश में क्रियान्वयन के संबंध में बहुमूल्य सुझाव भी दिए गए। बैठक में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा , व्यावसायिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में कृत कार्यवाही की 150 पृष्ठ की संकलित रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गयी। उपमुख्यमंत्री तथा टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ दिनेश शर्मा ने बैठक में कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के प्रदेश में क्रियान्वयन के संबंध में गठित टास्क फोर्स का मूल मंत्र है कि नई शिक्षा नीति निचले स्तर तक किस प्रकार से सही एवं पारदर्शी ढंग से लागू किया जा सके, जिससे इसका लाभ सीधे छात्रों को भविष्य में मिल सके।

Dinesh Sharma UP

उन्होंने कहा कि प्रदेश में डिजिटल लाइब्रेरी को प्रारंभ किया गया है। शिक्षा को रोजगार के साथ जोड़ने के लिए लघु उद्योग विभाग एवं अन्य विभागों के साथ एम.ओ.यू. भी किया जा रहा है। टास्क फोर्स की बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य अतुल कोठरी, राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में उत्तर प्रदेश में बहुत ही अच्छा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि विद्यार्थियों को स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष में शोध का ज्ञान प्रदान किया जाना चाहिए, उन्हें अपनी भाषा में शोध करने की अनुमति दी जानी चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में काम्प्रिहेंसिव एवं हॉलिस्टिक एप्रोच होना चाहिए। समाज को इससे जोड़ना होगा तथा शैक्षिक वातावरण तैयार करना होगा। जिला स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर मंथन हेतु शिक्षक, अधिकरी, समाजिक संगठन एंव अभिभावकों, छात्रों की एक समिति बनायी जानी चाहिए।

अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा, मोनिका एस गर्ग द्वारा इस अवसर पर अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु गठित स्टीयरिंग कमेटी द्वारा अब तक 30 बैठकों का आयोजन किया जा चुका है। गर्ग ने इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की प्रक्रियात्मक ढ़ाचा, शिक्षा में तकनीक का प्रयोग, पाठ्यक्रम निमार्ण कार्य, स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की संरचना, पाठ्यक्रम निधार्रण की समयावधि, कौशल विकास एवं व्यवासायिक शिक्षा के साथ समन्वय, शोध एवं अनुसंधान, भारतीय भाषाओं का प्रोत्साहन हेतु प्रदेश में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स एवं भाषा केंद्रों की स्थापना, उत्तर प्रदेश की संस्कृत धरोहर, परम्पराएं एवं लोक कला तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अद्यतन कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी पर अब तक 72,700 ई- कंटेंट अपलोड किए जा चुके हैं। डिजिटल लाइब्रेरी पर उपलब्ध शिक्षण सामग्री की संबद्धता एवं नएपन के दृष्टिगत नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी के साथ पार्टनरशिप एवं समन्वय हेतु अनुरोध किया है शीघ्र ही एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों के अनुरूप प्रथम फेज में स्नातक स्तर के मुख्य विषयों का पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है तथा अन्य पाठ्यक्रमों को तैयार किया जा रहा है। श्रीमती गर्ग ने बताया कि शिक्षकों को शोध एवं अनुसंधान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से रिसर्च एंड डेवलपमेंट पॉलिसी घोषित की गई है। शोध हेतु राष्ट्रीय एवं वैश्विक प्राथमिकता के तथा समकालीन विषयों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना के अंतर्गत भाषा की अनेकता में एकता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा ‘सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर लैंग्वेज’ की स्थापना वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में की जा रही है जो प्रदेश में संचालित भाषा केंद्रों की स्थापना, निगरानी, निरीक्षण एवं मूल्यांकन का दायित्व निभाएगा।

Dinesh Sharma UP minister

अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के क्रियान्वयन के संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग की कार्य-योजना प्रस्तुत करते हुए बताया कि विभाग द्वारा गठित 07 वर्किंग ग्रुप (करिकुलम और पेडागाजी, मूल्यांकन तथा परीक्षा व्यवस्था में सुधार, शिक्षकों का क्षमता संवर्धन एवं शिक्षक भर्ती, व्यवसायिक शिक्षा और कौशल विकास, विद्यार्थी समर्थन व्यवस्था, शिक्षा में तकनीकी तथा कुशल संसाधन और प्रभावी गवर्नेंस) द्वारा विभिन्न बैठकों के माध्यम से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के क्रियान्वयन की दिशा में कार्य किया जा रहा है और विभिन्न बिंदुओं पर भविष्य की रणनीति बनाई गई है। व्यवसायिक शिक्षा विभाग द्वारा भी बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में अब तक किए गए कार्यों तथा भविष्य की रणनीति को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर व्यावसायिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा को रोजगार से जोड़ने हेतु एक प्रस्तुतीकरण भी दिया गया।

टास्क फोर्स की बैठक में महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग की कार्य योजना प्रस्तुत करते हुए बताया कि विद्यालय पुनः खुलने के पश्चात प्रत्येक कक्षा में बुनियादी भाषा एवं गणितीय ज्ञान के लिए प्रेरणा लक्ष्य और प्रेरणा सूची का प्रदर्शन तथा छात्र प्रगति का अधिगम-परिणाम आधारित वास्तविक समय में अनुश्रवण करने के लिए प्रेरणा तालिका का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिक्षण अधिगम क्रिया के दौरान सभी शिक्षकों की मदद के लिए आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षा संग्रह दिया गया है तथा प्रत्येक शिक्षक को शिक्षण के लिए आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका उपलब्ध कराई गई है। प्रत्येक कक्षा में प्रिंट-रिच वातावरण के लिए वार्तालाप चार्ट, पोस्टर आदि लगाने की व्यवस्था की गई तथा माता पिता को अधिगम-परिणाम प्रगति पत्र भेजा गया प्रत्येक तिमाही डैशबोर्ड बनाए गए। उन्होंने बताया कि दीक्षा के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण एवं ऑनलाइन आंकलन और प्रमाण पत्र दिया गया, सीखने के स्तर के आधार पर प्रत्येक बच्चे को रीडिंग बुक दिए जाने की व्यवस्था की गई है, प्रत्येक स्कूल के लिए एनसीईआरटी गणित किट दिए जाने की व्यवस्था की गई है, सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की 500- 1000 पुस्तकों के साथ लाइब्रेरी रीडिंग कॉर्नर बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि शिक्षकों की मदद के लिए प्रत्येक न्याय पंचायत पर 05 शिक्षक संकुल का ओरियंटेशन एवं प्रशिक्षण दिया गया। सभी छात्रों के उपयोग के लिए दीक्षा पर पाठ्य पुस्तकें अपलोड की जा रही हैं। समर्थ व्यवस्था में दिव्यांग छात्रों को ऑनलाइन ट्रैक किया गया, जरूरी सहायता और उपकरण प्रदान की जाने की व्यवस्था की गई है। विद्यालय से बाहर रह गए बच्चों को शारदा प्रणाली के माध्यम से पहचानने और निगरानी की व्यवस्था की गई है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षा एस राधा चैहान, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग, अप्र मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा विभाग रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी, पूर्व अध्यक्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अशोक गांगुली, प्रोफेसर अरविंद मोहन अर्थशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, अंग्रेजी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय डॉक्टर निशी पांडे, उर्दू विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय डॉक्टर अब्बास नैयर, विशेष सचिव उच्च शिक्षा अब्दुल समद, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा, उदय भान त्रिपाठी एवं अन्य उपस्थित थे।