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Yogi Adityanath : योगी का शासन, रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बन यूपी ने पेश किया वित्तीय अनुशासन

Yogi Adityanath : योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2017 के पहले जर्जर अर्थव्यवस्था को मजबूत कर दिया। कोविड-19 महामारी के कारण पूरे विश्व में आर्थिक मंदी रही तो भी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ बनी रही। 2021-22 में जीएसडीपी ( सकल राज्य घरेलू उत्पाद) में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि रही, जो देश की विकास दर से भी अधिक थी। इसी वर्ष में जीएसडीपी डेढ़ गुना बढ़कर लगभग 19.16 लाख करोड़ हुआ। 2022-23 में जीएसडीपी में 17.07 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य है।

लखनऊ। यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ के जीवन का अनुशासन किसी से छिपा नहीं है। लिहाजा वे हर किसी से अनुशासन की उम्मीद भी रखते हैं। 2017 में सत्ता संभालने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश को हर लिहाज (कानून व्यवस्था, वित्तीय व्यवस्था, महिला सुरक्षा आदि) से अनुशासित किया। योगी के शासन का यह कमाल रहा कि विरासत में मिली जर्जर अर्थव्यवस्था को उन्होंने न सिर्फ पटरी पर लाया, बल्कि उत्तर प्रदेश के सर्वसमावेशी विकास के मार्ग को भी प्रशस्त किया। दुनिया को त्रस्त करने वाली सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान भी योगी आदित्यनाथ के प्रशासनिक कौशल की बदौलत प्रदेश का राजकोषीय घाटा नियंत्रण में रहा। आज उत्तर प्रदेश रेवेन्यू सरप्लस स्टेट भी बन गया है।

 

योगी सरकार ने यूपी की अर्थव्यवस्था को किया मजबूत
योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2017 के पहले जर्जर अर्थव्यवस्था को मजबूत कर दिया। कोविड-19 महामारी के कारण पूरे विश्व में आर्थिक मंदी रही तो भी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ बनी रही। 2021-22 में जीएसडीपी ( सकल राज्य घरेलू उत्पाद) में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि रही, जो देश की विकास दर से भी अधिक थी। इसी वर्ष में जीएसडीपी डेढ़ गुना बढ़कर लगभग 19.16 लाख करोड़ हुआ। 2022-23 में जीएसडीपी में 17.07 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य है। वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह दर 19 प्रतिशत रहने का अनुमान है। योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। यह बढ़ा राजस्व राज्य के विकास का आधार बन रहा है। 2022-23 में राज्य का कर राजस्व लक्ष्य लगभग दो लाख 20 हजार 655 करोड़ रहा। इसी वित्तीय वर्ष में सेल्स टैक्स/वैट से 124477.05 करोड़ संग्रह अनुमानित है। स्टेट एक्साइज 49152 करोड़ अनुमानित है।

CM Yogi Adityanath

1.57 लाख करोड़ तक पहुंचा यूपी का निर्यात
उत्तर प्रदेश में पेट्रोल, डीजल व एटीएफ वैट दर कई राज्यों से कम है। योगी सरकार के वित्तीय प्रबंधन के मुताबिक 2022-23 एफआरबीएम एक्ट में राजकोषीय घाटे की निर्धारित सीमा 4.0 प्रतिशत के सापेक्ष 3.96 प्रतिशत रखने में सफलता मिली। पहले बजट का लगभग 8 प्रतिशत ऋणों के ब्याज के लिए दिया जाता था। 2022-23 में यह 6.5 प्रतिशत पर आ गया। वहीं योगी सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन की बदौलत प्रदेश का निर्यात 88 हजार करोड़ से बढ़कर 1.57 लाख करोड़ तक पहुंच गया। बैंकिंग व्यवसाय दिसंबर 2022 तक 22 लाख छह हजार करोड़ पहुंच गया। बैंकों की सीडी रेसियो 46.21 से वर्तमान में 54.67 प्रतिशत हो गया। इसमें वृद्धि से 2017 से 2022 तक 9.52 लाख करोड़ का ऋण वितरित किया गया है।