
नई दिल्ली। सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को आज यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने निशाने पर लिया। योगी ने कहा कि जो लोग सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं उनकी कड़ी निंदा होनी चाहिए। इसी के साथ उन्होंने जनता को एक काम भी सौंपा। योगी बोले, आप सभी के पास स्मार्टफोन है, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों का वीडियो आप वायरल करें। हम उनके पोस्टर लगाएंगे और वसूली का काम करेंगे। सार्वजनिक संपत्ति किसी व्यक्ति की नहीं बल्कि समाज के सहयोग से बनती है। यह सार्वजनिक संपत्ति राष्ट्र की संपत्ति है।
#WATCH | Lucknow: UP CM Yogi Adityanath says, “… If someone causes any damage to public property, they should be condemned.. You have a smartphone, make those people who damage government property go viral. We will put their posters up and make the recovery. This public… pic.twitter.com/UW8KpQyQvS
— ANI (@ANI) June 12, 2025
बोर्ड परीक्षाओं में मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान और मुख्यमंत्री विद्यालयी खेल पुरस्कार वितरण समारोह में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सामान्य शिक्षा को संस्कारों, तकनीकी, स्पोर्ट्स के साथ जोड़ना है। सर्वांगीण विकास का माध्यम शिक्षा होनी चाहिए और इन्हीं सब बातों से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में लागू की थी। यूपी सीएम ने कहा कि परीक्षा, छात्र के अंदर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा करने का माध्यम होनी चाहिए। यूपी सीएम ने कहा कि शिक्षा पिछले 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा और स्कूली शिक्षा की तकदीर और तस्वीर को बदलने में हम सफल हुए हैं। याद करिए 2017 के पहले बेसिक शिक्षा लगभग बंदी की ओर जा रही थी। स्टूडेंट्स की संख्या लगातार गिरती जा रही थी। माध्यमिक शिक्षा नकल का एक अड्डा बन गई थी।
पिछले 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा और स्कूली शिक्षा की तकदीर और तस्वीर को बदलने में हम सफल हुए हैं… pic.twitter.com/eHF8hOph4C
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 12, 2025
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेशक नहीं आते थे क्योंकि यहां कानून व्यवस्था ठीक नहीं थी, लेकिन पिछली सरकारों ने दो नए बिजनेस खड़े किए थे। पहला नकल के नाम पर लोगों को बाहर से लाया जाता है उन्हें परीक्षा भी नहीं देनी पड़ती थी और पास का सर्टिफिकेट भी उनके घर पहुंचा दिया जाता था। दूसरा ट्रांसफर पोस्टिंग में पैसे लेकर व्यवसाय होता था। बीजेपी की डबल इंजन सरकार ने इन दोनों प्रकार के अनाचार को रोककर पारदर्शी और स्पष्ट प्रणाली को प्रदेश में अपनाया। आज यूपी में नकल विहीन परीक्षा होती है, नकल का कहीं नामो निशान भी नहीं है।