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Supreme Court : “आपने खुद छोड़ी सत्ता, विश्वास मत का सामना नहीं किया..उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट ने दिया जवाब

Supreme Court : बेंच ने कहा, ‘आपके मुताबिक हमें क्या करना चाहिए? आपकी सरकार बहाल करनी चाहिए? लेकिन आपने इस्तीफा दे दिया था। अब कोर्ट से उस सरकार की बहाली की मांग की जा रही है, जिसने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना ही खुद को सरकार से पीछे खींच लिया था।”

नई दिल्ली। जब से बीते वर्ष शिवसेना में बगावत हुई है तभी से उद्धव ठाकरे पर एक के बाद एक मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। बीते सप्ताह उनके पुराने साथी मंत्री जब एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल हुए और अब उद्धव ठाकरे के जाने को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। गुरुवार को इस मामले पर दिलचस्प बहस भी दिखाई दी। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे सरकार को बहाल करने की मांग पर भी कमेंट दिए।

आपको बता दें कि इस विषय में अदालत ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने जब सीएम के तौर पर खुद ही इस्तीफा दे दिया था और विश्वास मत का ही सामना नहीं किया तो फिर कैसे उनकी सरकार बहाल की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में यदि गवर्नर की गलती भी हो तो भी उद्धव ठाकरे की सरकार बहाल नहीं की जा सकती। दरअसल सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे सरकार ने 2016 के अरुणाचल प्रदेश के मामले का जिक्र किया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने नबाम तुकी की सरकार को बहाल कर दिया था और यथास्थिति का आदेश जारी किया था। उद्धव ठाकरे गुट का पक्ष रख रहे वकील कपिल सिब्बल ने 5 जजों की बेंच से मांग की थी कि तत्कालीन गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के फ्लोर टेस्ट के आदेश को खारिज किया जाए, जिससे पहले उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा सौंप दिया था।

गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने ही गवर्नर के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि शिवसेना की फूट पार्टी का आंतरिक मामला थी। इसके आधार पर सरकार का फैसला होना गलत था और राज्यपाल का फैसला राजनीतिक मामले में दखल देने जैसा था, जो उन्हें नहीं करना था। इस पर बेंच ने कहा, ‘आपके मुताबिक हमें क्या करना चाहिए? आपकी सरकार बहाल करनी चाहिए? लेकिन आपने इस्तीफा दे दिया था। अब कोर्ट से उस सरकार की बहाली की मांग की जा रही है, जिसने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना ही खुद को सरकार से पीछे खींच लिया था।”