newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Travel Tips: देशभक्ति से सराबोर हो जाएगा आपका मन, स्वतंत्रता दिवस पर जरूर जाएं इन जगहों को देखने

Travel Tips: देश ने गुलामी के दौरान जो कुछ सहा वो आज भी स्मारकों के रूप में जगह-जगह स्थित है। इस स्थान पर इतनी सकारात्मकता देखने को मिलती है कि यहां जाते ही रोम-रोम देशभक्ति की भावना से भर उठता है।

नई दिल्ली। देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुए 75 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर देश में अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। भारत ने इस आजादी को पाने के लिए कई वीर सपूतों का बलिदान दिया। कई सालों तक चले आंदोलनों और स्वतंत्रता संग्राम के बाद 15 अगस्त 1947 को देश पूरी तरह से आजाद हो गया। देश ने गुलामी के दौरान जो कुछ सहा, वो आज भी स्मारकों के रूप में जगह-जगह स्थित है। इस स्थान पर इतनी सकारात्मकता देखने को मिलती है कि यहां जाते ही रोम-रोम देशभक्ति की भावना से भर उठता है। हर साल आजादी के बाद स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाता दिल्ली का लाल किला राजपथ जैसी कई इमारतें हैं, जहां सभी को एक बार जरूर जाना चाहिए। तो आइये जानते हैं कि कौन सी है वो जगहें, जो आपको देशभक्ति की भावना से सराबोर कर देंगी।

लाल किला

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप लाल किला जाकर वहां का ध्वजारोहण और परेड देख सकते हैं।

इंडिया गेट

इस स्थान पर जाकर आप साल 1947, 1962, 1971 और 1999 में हुए युद्ध में शहीद हुए वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दे सकते हैं।

जलियांवाला बाग, अमृतसर

भारत में काले दिन के रूप में जाना जाने वाला जलियावाला बाग कांड की गवाही देता ये पार्क आपकी आंखें नम कर देगा। साल 1919 में बैसाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में अंग्रेजों ने कई निहत्थे भारतीयों पर गोलियां बरसाईं थी, जिसमें सैकड़ो लोग मारे गए थे।  इस स्थान पर उन वीर शहीदों के नाम पर एक मेमोरियल बनाया गया है। यहां की दीवारों पर आज भी बुलेट के निशान मौजूद हैं।

वाघा बॉर्डर

अमृतसर में स्थित भारत पाकिस्तान के इस बॉर्डर को वाघा बॉर्डर के नाम से जाना जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर यहां होने वाली परेड को देखने के लिए हजारों की संख्या में भीड़ एकत्रित होती है।

सेलुलर जेल, अंडमान निकोबार द्वीप

अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर बनी सेलुलर जेल को काला पानी के नाम से भी जाना जाता है, जिसे अब एक म्यूजियम और स्मारक में बदल दिया गया है। ये म्यूजियम और स्मारक देश की आजादी से पहले स्वतंत्रता सेनानियों के साथ हुई यातनाओं की गवाही देता है।