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कोरोना के बीच आया एंटी वायरल कपड़ों का फैशन

एंटीवायरल कपड़ों को पहनने से कोरोना के बीच बहार निकलने में मदद मिल सकती है, जो भले ही सुरक्षा की गारंटी नहीं देता है, लेकिन कम से कम मानसिक शांति देता है।

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच जहां हम सब परेशान हैं, वहीं क्या हमने एक बार भी सोचा है कि जब हम घरों से बाहर निकलने के लिए आजाद होंगे तो क्या अपने फैंसी कपड़ों में सुकून के साथ बाहर निकलने का साहस कर पाएंगे? एंटीवायरल कपड़ों को पहनने से इसमें मदद मिल सकती है, जो भले ही सुरक्षा की गारंटी नहीं देता है, लेकिन कम से कम मानसिक शांति देता है।

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नियो टेक्नोलॉजी की मदद से जो बेहतरीन क्वालिटी का उपयोगी प्रोडक्ट बनाता है, जो बैक्टीरिया और वायरस से सुरक्षा कवच प्रदान करता है, जिंदगी शायद सहज व आसान हो जाए।


ग्राडो नियो टेक्नोलॉजी उपयोग करते हुए वायरस और रोगाणुओं से सुरक्षा के लिए कपड़े बनाने वाली पहली कपड़ा कंपनी है। डोनियर समूह की कंपनियों द्वारा विकसित और ग्राडो की निर्माण इकाइयों द्वारा बेहतरीन तरीक से तैयार किए गए परिधानों में सूट से लेकर जैकेट और पतलून तक किसी भी तरह के परिधान पहनने और उपयोग करने के लिए सुरक्षित प्रमाणित किए गए हैं।


विशेष रूप से डिजाइन किए गए एंटीवायरल और एंटी-बैक्टीरियल कपड़े सूक्ष्मजीवों को पनपने से रोकते हैं, जिससे वे सुरक्षित और स्वच्छ बनते हैं। कपड़े अपने गुणों को 50 बार धुलने तक भी बरकरार रखते हैं, और हर रोज पहनने के लिए उपयुक्त हैं।