नई दिल्ली। आज 14 फरवरी का दिन प्रेमी जोड़ों के लिए काफी खास माना जाता है। ये लोग फरवरी के महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस महीने को प्यार के नाम करते हुए इसे प्यार का महीना भी कहा जाता है। फरवरी के महीने में मनाए जाने वाले वैलेंटाइन वीक की शुरुआत 7 फरवरी से हो जाती है जो कि 14 फरवरी तक ये मनाया जाता है। वैलेंटाइन वीक के पहले दिन यानी 7 फरवरी को रोज डे, फिर प्रपोज डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, हग डे, किस डे मनाया जाता है। 14 तारीख को वैलेंटाइन डे मनाने के साथ ही इस प्यार के हफ्ता का अंत हो जाता है।
बाजारों में भी वैलेंटाइन वीक को लेकर रौनक देखने को मिलती है। तरह-तरह से गिफ्ट्स, मिठाइयां, चॉकलेट और न जाने क्या-क्या बाजारों में सजे हुए दिखाई देते हैं। वैसे तो वैलेंटाइन डे मनाने का उद्देश्य प्यार फैलाना ही होता है लेकिन कई ऐसे भी देश हैं जहां पर वैलेंटाइन डे ‘बैन’ है यानी की आप इन जगहों पर वैलेंटाइन डे नहीं मना सकते। हालांकि अगर आप यहां नियम तोड़ते हैं तो आपको इसके लिए सजा भी भुगतनी पड़ सकती है। तो चलिए जानते हैं किन जगहों पर मना है वैलेंटाइन डे मनाना…
मलेशिया
मलेशिया में वेलेंटाइन डे मनाना मना है। साल 2005 में इस इस्लामिक देश ने फैसला कर एक फतवा जारी किया था कि अब वेलेंटाइन डे नहीं मनाया जाएगा। यहां पर कई लोगों को वेलेंटाइन डे पर सार्वजनिक स्थान पर प्यार का इजहार करने की वजह से गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
उज़्बेकिस्तान
उज्बेकिस्तान में भी वैलेंटाइन नहीं मनाया जाता। 2012 तक इस इस्लामिक देश में वैलेंटाइन डे मनाया जाता था लेकिन इसी साल से इसपर बैन लगा दिया गया है। अब यहां भी वैलेंटाइन डे मनाने पर सजा हो सकती है।
ईरान
ईरान में साल 2010 में ही आधिकारिक रूप Valentine’s Day पर बैन लगा दिया गया था। न सिर्फ Valentine’s Day बल्कि ईरान में इससे जुड़े गिफ्ट-सामान भी बैन किए जा चुके हैं। अपने नियम कानूनों को लेकर ईरान इतना सख्त है कि यहां अगर कोई महिला गैर मर्द के साथ डांस करती हुई पाई जाती है तो उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।
पाकिस्तान
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी वैलेंटाइन डे बैन किया जा चुका है। इसे इस्लाम की शिक्षा के खिलाफ मानते हुए बैन कर दिया गया था। जिस दौरान वैलेंटाइन डे पर बैन लगाया गया था तब वहां की आवाम ने इसका काफी विरोध भी किया था।
सऊदी अरब
सऊदी अरब में बीते कुछ सालों से ही वैलेंटाइन मनाया जा रहा है। पहले यहां भी इसे नहीं मनाया जाता था लेकिन अब लोग इसे मनाने लगे हैं।