
नई दिल्ली। 15 सितंबर को “इंजीनियर्स डे” (Engineers Day) मनाया जाता है। इसे अभियंता दिवस भी कहा जाता है। बहुत कम लोग इस दिन के बारे में जानते हैं। लेकिन हम आपको बताएंगे कि इस दिन की महत्ता (Engineers Day Importance) क्या है।
इंजीनियर्स डे की महत्ता
देश के विकास में इंजीनियर्स बहुत बड़ा रोल अदा करते हैं। आपदा से लेकर निर्माण तक इंजीनियर्स के बिना कुछ भी नहीं हो सकता। देश के विकास के धूरि इंजीनियर्स ही हैं।
क्यों मनाया जाता है ये दिन?
भारत रत्न सर डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Dr. Mokshagundam Visvesvaraya) के जन्मदिवस के रूप में इसे भारत में मनाया जाता है। मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर में 15 सितम्बर 1861 को हुआ था। विश्वेश्वरैया भारतीय सिविल इंजीनियर, विद्वान और राजनेता थे।
डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया
1883 में पूना के साइंस कॉलेज से इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद विश्वेश्वरैया को तत्काल ही सहायक इंजीनियर पद पर सरकारी नौकरी मिल गई थी। वे मैसूर के 19वें दीवान थे और 1912 से 1918 तक रहे। मैसूर में किए गए उनके कामों के कारण उन्हें मॉर्डन मैसूर का पिता कहा जाता है। इस मौके पर इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्टूडेंट्स को उनके अचीवमेंट्स पर अवॉर्ड दिए जाते हैं। 1955 में विश्वेश्वरैया जी को भारत का सबसे बड़ा सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था।