कोरोना टिप्स : अपनायें आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए सुझाव, मजबूत होगी रोग प्रतिरोधक क्षमता

आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधी क्षमता को विकसित करने वाले कई आयुर्वेदिक उपाय देशवासियों के लिए सुझाए हैं।

Avatar Written by: April 16, 2020 4:38 pm

नई दिल्ली। आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधी क्षमता को विकसित करने वाले कई आयुर्वेदिक उपाय देशवासियों के लिए सुझाए हैं। इन उपायों को अपनाकर आपका शरीर कोरोना से लड़ने में सक्षम हो जायेगा।

इन उपायों के तहत गर्म पानी का सेवन, प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास, खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों के उपयोग की सलाह दी गई है। आयुष मंत्रालय ने कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए श्वसन संबंधी स्वास्थ्य के विशेष संदर्भ के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और निवारक स्वास्थ्य देखभाल के लिए कई प्रकार के दिशानिर्देशों की सिफारिश की है। हालांकि, आयुष मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि यह सलाह कोविड-19 के इलाज का दावा नहीं करती है।

आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेदिक साहित्य एवं वैज्ञानिक पत्र-पत्रिकाओं पर आधारित इन दिशानिर्देशों की सिफारिश की है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए देश के प्रख्यात वैद्यों ने कहा, “प्रतिदिन सुबह 1 चम्मच यानी 10 ग्राम च्यवनप्राश लें। मधुमेह रोगियों को शुगर फ्री च्यवनप्राश लेना चाहिए। तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सौंठ और मुनक्का से बना काढ़ा दिन में एक या दो बार लें। यदि आवश्यक हो तो अपने स्वादानुसार गुड़ या ताजा नींबू का रस मिलाएं।” वैद्यों ने गोल्डन मिल्क यानी 150 मिली गर्म दूध में आधी चम्मच हल्दी पाउडर दिन में एक या दो बार पीने की सलाह दी है।

सरल आयुर्वेदिक प्रक्रियाओं के तौर पर नाक का अनुप्रयोग, सुबह और शाम को नाक में तिल का तेल या नारियल का तेल या घी लगाएं। ऑयल पुलिंग थेरेपी के लिए एक चम्मच तिल या नारियल का तेल मुंह में लें। उसे पिएं नहीं बल्कि 2 से 3 मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर थूक दें। उसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करें। ऐसा दिन में एक या दो बार किया जा सकता है।

सूखी खांसी और गले में खराश के दौरान ताजे पुदीना के पत्तों या अजवाइन के साथ दिन में एक बार भाप लिया जा सकता है। खांसी या गले में जलन होने पर लौंग पाउडर को गुड़ या शहद के साथ मिलाकर दिन में 2 से 3 बार लिया जा सकता है। ये उपाय आमतौर पर सामान्य सूखी खांसी और गले में खराश का इलाज करते हैं। लेकिन लक्षण के बरकरार रहने पर डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे अच्छा रहेगा। आयुष मंत्रालय ने कहा, “उपरोक्त उपाय व्यक्ति अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं। देशभर से प्रख्यात वैद्यों के नुस्खों के आधार पर इन उपायों की सिफारिश की गई है क्योंकि इससे संक्रमण के खिलाफ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।”

आयुष मंत्रालय में जिस विशिष्ट वैद्यों के परामर्श पर यह सलाह जारी की है उनमें कोयम्बटूर के पद्म श्री वैद्य पीआर कृष्णकुमार, दिल्ली के पद्म भूषण वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा, कोट्टाकल के वैद्य पीएम वारियर, नागपुर के वैद्य जयंत देवपुजारी, ठाणे के वैद्य विनय वेलंकर, बेलगांव के वैद्य बीएस प्रसाद, जामनगर के पद्म श्री वैद्य गुरदीप सिंह, हरिद्वार के आचार्य बालकृष्णजी, जयपुर केवैद्य एमएस बघेल, हरदोई के वैद्य आरबी द्विवेदी, वाराणसी के वैद्य केएन द्विवेदी, वाराणसी के वैद्य राकेश, कोलकाता के वैद्य अबीचल चट्टोपाध्याय, दिल्ली की वैद्य तनुजा नेसारी, जयपुर के वैद्य संजीव शर्मा और जामनगर के वैद्य अनूप ठाकर शामिल हैं।