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Parenting: पैरेंट्स की सालों पुरानी ये आदतें परवरिश में कर सकती हैं हेल्प, आप भी आजमा कर देखें

Parenting: बच्चों को पालने की पुराने माता-पिता की कुछ आदतें परवरिश में काफी काम आती है, अगर आपको खुद में ये आदते नजर आती हैं तो उन्हें कभी नहीं छोड़ना चाहिए। तो आइए जानते हैं कौन सी हैं वो आदतें…

नई दिल्ली। माता-पिता बनना जितना सुखद है, उनकी परवरिश करना उतना ही कठिन। ऐसे में कई पैरेंट्स इस बात को लेकर काफी चिंतित रहते हैं कि कहीं उनकी परवरिश में कोई कमी न रह जाए, जिससे आने वाले समय में बच्चा उन्हें उस चीज के लिए दोष दे। हालांकि, समय के साथ आने वाली टेक्नोलाजी के चलते पैरेंटिंग थोड़ी आसान हो गई है लेकिन फिर भी कई ऐसी चीजें हैं जो कभी नहीं बदलतीं। बच्चों को पालने की पुराने माता-पिता की कुछ आदतें परवरिश में काफी काम आती है, अगर आपको खुद में ये आदते नजर आती हैं तो उन्हें कभी नहीं छोड़ना चाहिए। तो आइए जानते हैं कौन सी हैं वो आदतें…

बच्‍चों के जीवन का हिस्‍सा बनना

आपके बच्चे की लाइफ में क्या चल रहा है। माता-पिता को इसकी जानकारी होनी चाहिए। उनके साथ क्वालिटी टाइम जरूर बिताएं। उनके साथ एक्टिविटीज में शामिल होने से आपका आपके बच्चे के साथ रिश्ता मजबूत होता है, जो उनमें आत्मविश्वास की भावना पैदा करने में सहायक होता है।

प्‍यार को प्रदर्शित करने में हिचकिचाएं नहीं

कई लोगों को लगता है कि बच्चों को ज्‍यादा प्‍यार करने से वे खराब हो जाते हैं। ये एकदम गलत धारणा है अगर आपके बच्चे को पता होता है कि आप उसकी परवाह करते हैं उनके आत्म-सम्मान और सुरक्षा की भावना को बढ़ावा मिलेगा।

अपने व्यवहार में संतुलन बनाएं

कभी कुछ कहना कभी कुछ, बच्चों को कंफ्यूज कर सकता है। इससे बचने के लिए रूटीन सेट करना, सही रूल्‍स बनाना और अच्‍छा व्यवहार रखने की आदत से आप अपने बच्‍चे के साथ रिश्ते को संतुलन और मजबूती प्रदान कर सकते हैं।

​हेल्‍दी बाउंड्री बनाना

बच्चे को प्‍लान बताकर आप उसे सुरक्षित और स्थिर महसूस करवा सकते हैं। नियम बनाने और अपने बच्चे को यह बताना कि वह क्या कर सकता है और क्या नहीं, इससे उन्हें गलत और सही के बीच का फर्क पता चलता है। यह बदले में उन्हें अपने स्वयं के व्यवहार को ठीक करने में मदद करता है।

स्वतंत्रता को सीमाओं के साथ संतुलित करें

बच्चों के लिए नियम बनाने का अर्थ ये नहीं आप अपने बच्चे की आजादी को सीमित कर दें। उनके पर्सनल स्पेस अनावश्यक दखल देने से बचें। बच्चों को अपनी राय रखने दें।

​माता-पिता की आदतें रखती हैं मायने

बच्चे माता-पिता को देख कर ही सीखते हैं। ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों के रोल मॉडल होते हैं इसलिए पैरेंट्स को काफी सोच समझकर व्यवहार करना चाहिए।