नई दिल्ली। भले ही देश कितना भी तरक्की कर ले, लेकिन कुछ चीजों को बदल पाना या स्वीकार करना मुश्किल हो जाता है। भले ही देश में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया है लेकिन फिर भी समाज के लिए इन जोड़ो को अपना पाना नामुमकिन है।इसी वजह से लोग अपनी भावनाओं को छिपाकर रखते हैं और परिवार के दबाव में कभी भी शादी कर लेते हैं। ऐसी ही परेशानी से हमारी पाठक रेखा( बदला हुआ नाम) गुजर रही हैं। तो चलिए रेखा की जुबानी उनकी कहानी के बारे में जानते हैं।
लड़कों में शुरुआत से ही नहीं रहा इंटरेस्ट
रेखा ने बताया कि वो फिलहाल शादीशुदा हैं और काफी खुश हैं, लेकिन एक समय था उन्होंने अपनी ननद के चक्कर में अपने पति से शादी की थी। रेखा ने बताया कि उन्हें ये समझने में काफी समय लगा कि वो लड़कियों को पसंद करती हैं या लड़को को। क्योंकि उन्होंने ज्यादा तेज आकर्षण लड़कियों की तरफ महसूस किया। जब वो डांस क्लास जाती थी तो लड़कियों के मूव्स देखकर अपना दिल हार बैठती थी। हालांकि उन्होंने अपने दिल की बात कभी अपने परिवार के साथ शेयर नहीं की, क्योंकि वो जानती थी कि इस बात को कोई समझेगा नहीं। इस दौरान कॉलेज में रेखा एक लड़की को पसंद करने लगी थी जो दिखने में बहुत खूबसूरत और भोली थी। रेखा ने कभी उस लड़की के सामने अपने दिल की बात नहीं रखी।
ननद के देख दिल में जागी थी उम्मीद
समय के साथ रेखा के परिवार के वाले उनके लिए लड़का देखने लगे और बहुत सारे रिश्तों को रिजेक्ट करने के बाद रेखा ने एक लड़के से शादी करने के लिए हां की। शादी के लिए हां करने की वजह थी लड़के की बहन। लड़के की बहन वहीं थी जिसे रेखा कॉलेज के समय से पसंद करती थी। रेखा बताती हैं कि वो चाहती थी कि वो लड़की हमेशा उनकी आंखों के सामने रहे, हालांकि बाद में बस कुछ बदल गया और रेखा को अपने पति से प्यार हो गया। रेखा ने शुरुआत में अपनी ननद के साथ रिश्ते की पहल करने की कोशिश की थी लेकिन एक बार फिर अपनी भावनाओं को दबा लिया, क्योंकि कही न कहीं उनके पति ने उनके मन में जगह बना ली थी। अब मैं और मेरी ननद बेस्ट फ्रेंड्स की तरफ साथ रहते हैं।