newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Happy Teachers Day 2023: कब मनाया गया पहला शिक्षक दिवस, जानें टीचर्स डे के मौके पर इसका महत्व और इतिहास

Happy Teachers Day 2023: इस दिन हर स्कूल और कॉलेज में शिक्षा और शिक्षक के महत्व को सेलिब्रेट किया जाता है। छात्र अलग-अलग तरीकों से अपने टीचर्स को सम्मान देते हैं। शिक्षक के महत्व को समझाते हुए  डॉ. राधाकृष्णन ने कहा था कि एक सच्चा शिक्षक ही समाज को सही दिशा और गति दे सकता है

नई दिल्ली। शिक्षक हमारे जीवन को बनाने और सही राह दिखाने वाले मार्गदर्शक होते हैं लेकिन ये जरूरी नहीं है कि शिक्षक स्कूल में पढ़ाने वाला ही हो, वो आपकी मां हो सकती है, भाई हो सकता है, या कोई भी शख्स जो आपके जीवन को सही दिशा देने का काम कर रहा है। आज शिक्षक दिवस के मौके पर हम आपको बताएंगे कि शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई और इसे क्यों मनाया जाता है।

कब मना पहला शिक्षक दिवस

शिक्षक दिवस को पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन तौर पर मनाया जाता है। ये परंपरा सालों से मनाई जा रही है। इस दिन को शिक्षकों के सम्मान के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। इसकी शुरुआत 1962 में हुई , जब पहली बार देश में शिक्षक दिवस मनाया गया। अब बात करते हैं कि इसे मनाने की जरूरत क्यों पड़ी या इसकी शुरुआत कैसे हुई। पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने जब राष्ट्रपति का पद संभाला तो उनके शिष्यों और शिक्षकों ने उनके जन्मदिन को खास बनाने के लिए और शिक्षकों को सम्मान देने के लिए इस दिन को सेलिब्रेट करने की परमिशन मांगी। जिसके बाद इस दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर आज भी देश में मनाया जाता है।

कहां-कहां मनाया जाता है शिक्षक दिवस

डॉ. राधाकृष्णन का शिक्षकों को लेकर भी एक कोट बहुत फेमस है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अध्यापकों का दिमाग सबसे तेज  होना चाहिए..। बता दें कि सिर्फ भारत में नहीं बल्कि विश्व के अलग-अलग देशों में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। जिसमें ऑस्ट्रेलिया,मलेशिया,अमेरिका,चीन,पाकिस्तान,ईरान, ब्राजील,इंडोनेशिया और अल्बानिया शामिल है।


क्या है शिक्षक दिवस का महत्व

इस दिन हर स्कूल और कॉलेज में शिक्षा और शिक्षक के महत्व को सेलिब्रेट किया जाता है। छात्र अलग-अलग तरीकों से अपने टीचर्स को सम्मान देते हैं। शिक्षक के महत्व को समझाते हुए  डॉ. राधाकृष्णन ने कहा था कि एक सच्चा शिक्षक ही समाज को सही दिशा और गति दे सकता है..। देश का भविष्य निर्धारित करने में शिक्षक का बेहद अहम रोल है। उनका मानना था कि अपनी मंजिल को पाने के लिए इंसान को एक गुरु की जरूरत पड़ती ही है।