
नई दिल्ली। जीवन में भाई-बहन दोस्त और भी कई रिश्ते बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन रिश्तों को ये एहसास दिलाने के लिए कि आपके जीवन में उनका क्या महत्व है और उनके सामने अपने प्यार के प्रदर्शन करने के उद्देश्य से प्रत्येक रिश्ते के लिए कोई न कोई दिन बनया गया है। फादर्स डे, मदर्स डे, वुमेन डे, मेन्स डे आदि ऐसे ही कई दिवस हैं। इसी प्रकार आज बेटियों को समर्पित डॉटर्स डे है। हर साल सितंबर महीने के चौथे रविवार के दिन विश्व बेटी दिवस मनाया जाता है, जो कि आज है। कहा जाता है जब आंगन में बेटी की किलकारी न गूंजे खुशियां अधूरी ही रहती हैं। बेटियां पूरे परिवार को एक सूत्र में जोड़कर रखती हैं। लेकिन कुछ लोग बेटे और बेटियों में अंतर करते हैं, उन्हें जन्म लेने से पहले ही मार देते हैं। उनका कहना है कि बेटी को बड़ा करने के बाद उन्हें शादी करके पराए घर भेजना होता है। इससे उनके लालन-पालन में लगा पैसा व्यर्थ हो जाता है, वहीं बेटा बड़ा होकर सारी कमाई घर लाता है। बेटे और बेटियों के बीच की इसी खाई को पाटने और उन्हें स्पेशल महसूस कराने के उद्देश्य से इस दिन को मनाने की परंपरा शुरू हुई। विश्व बेटी दिवस पर माता-पिता अपनी बेटियों को विशेष लाड़-प्यार देते हैं, उनकी प्रशंसा करते हैं। तो आइए इस खास मौके पर जानते हैं बेटी दिवस से संबंधित कुछ खास बातें…
विश्व बेटी दिवस पहली बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा 11 अक्टूबर 2012 को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र की इस शानदार पहल का स्वागत करते हुए दुनिया भर के देशों ने भी इसे मनाना शुरू कर दिया। किसी समय मे लड़कियों को पालना एक बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती थी। उनके लालन-पालन में लगने वाला पैसा बेकार लगता था, क्योंकि एक समय के बाद उनकी शादी कर दी जाती थी। इसी विचार धारा के चलते लोगों ने बेटों को रखना अधिक पसंद किया। लोगों के मन की इस कुत्सित मानसिकता को दूर करने और बेटे-बेटी में समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बेटी दिवस मनाया जाने लगा। इस दिन के माध्यम से लोगों तक ये संदेश पहुंचाया जाता है कि बेटियों को भी उतना ही सामर्थ्य बनाया जा सकता है, जितना बेटे बन सकते हैं। बेटी को अच्छे नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने पर जोर देने के लिए लोगों को जागरूक किया गया। क्योंकि बेटी के पालन-पोषण की शैली का समाज के विकास पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।
इसके अलावा, बेटियों से संबंधित कई समस्याओं जैसे दहेज, कन्या भ्रूण हत्या और भ्रूण हत्या जैसे मुद्दों पर देश की सरकार के साथ-साथ कई संगठन भी काम कर रहे हैं साथ ही लैंगिक अंतर को दूर करने और बेटियों को समान अवसर प्रदान करने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। बेटी दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को ये बताना है कि सभी लोग बेटियों का सम्मान करें, न कि उन्हें बोझ समझें। वर्तमान में बेटियां भी बेटों की तरह अपने घर की पूरी जिम्मेदारी संभाल सकती हैं और माता-पिता का ख्याल रख सकती हैं।