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विश्व साइकिल दिवस 2020 : कोरोना के बीच साइकिलिंग से भी होती है सोशल डिस्टेंसिंग

संयुक्त राष्ट्र महासभा की घोषणा के अनुसार साइकिल की विशेषता और बहुमुखी प्रतिभा को पहचानने के लिए 3 जून को अंतर्राष्ट्रीय विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है। कहा गया है कि शहरवासी अपने आसपास की दूरी तय करने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करें, तो इससे प्रतिदिन सैकड़ों लीटर पेट्रोल की खपत कम होगी। वहीं शहर का प्रदूषण स्तर भी कम होगा।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की घोषणा के अनुसार साइकिल की विशेषता और बहुमुखी प्रतिभा को पहचानने के लिए 3 जून को अंतर्राष्ट्रीय विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है। कहा गया है कि शहरवासी अपने आसपास की दूरी तय करने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करें, तो इससे प्रतिदिन सैकड़ों लीटर पेट्रोल की खपत कम होगी। वहीं शहर का प्रदूषण स्तर भी कम होगा।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहला आधिकारिक विश्व साइकिल दिवस 3 जून, 2018 को मनाया गया था। यह दिवस परिवहन के एक सरल, किफायती, भरोसेमंद और पर्यावरण की सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।

साथ ही जो लोग साइकिल चलाते हैं, उनका मानना है कि इससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी होता है और सुरक्षित रहते हैं। ग्रीन शक्ति फाउंडेशन के संस्थापक प्रताप चांदनानी, जो साइक्लिंग भी करते हैं, उन्होंने आईएएनएस को बताया, “साइकिल चलाकर हम पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि कई गंभीर बीमारी से भी लड़ सकते हैं। खासतौर पर कोविड-19 से, क्योंकि जिसका इम्यून सिस्टम अच्छा होगा, उसको इस बीमारी का खतरा कम रहता है। साइकिलिंग से शरीर का हीमोग्लोबिन भी बढ़ता है। साइकिल चलाने वाले पुरुषों में हीमोग्लोबिन की मात्रा 14 से 17 ग्राम प्रति 100 मिलीलीटर रक्त होती है और महिलाओं में 13 से 15 ग्राम प्रति 100 मिलीलीटर रक्त होती है।”

दिल्ली निवासी सुधांशु भंडारी एक निजी कंपनी के एसोसिएट डाइरेक्टर है जो दिल्ली से नोएडा अपने ऑफिस साइकिल से जाते हैं, उन्होंने बताया, “लॉकडाउन में काफी लोगों का वर्कआउट नहीं हुआ है, फिजिकल वर्कआउट होना बहुत जरूरी है। अब लोग इनडोर साइकिलिंग भी कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में इनडोर साइकिलिंग का बहुत ट्रेंड आया है। इससे सुरक्षित भी रहने के साथ साथ हेल्दी भी रहते हैं। साइकिलिंग हमारे घुटनों को नुकसान नहीं पहुंचाती है। साइकिलिंग में थोड़ी दूरी बनाकर रखते हैं, तो इससे सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन होता है।”

धर्मशिला नारायण सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट डॉ.आनंद पांडेय ने आईएएनएस को बताया, “साइकिलिंग एक इंड्यूरेंस एसक्ससाइज है। इसका मतलब, आपको अगर अचानक दौड़ना पड़े आधा किलोमीटर तो आप दौड़कर जा सकते हैं। साइकिलिंग रोजाना 30 से 40 मिनट चलाना बहुत जरूरी है और हफ्ते में कम से कम 5 दिन साइकिलिंग करनी चाहिए। इससे हेल्थी रहने का ग्राफ बहुत अच्छा बढ़ता है। रोजाना साइकिल चलाने से गंभीर बीमारी से निजात भी मिलती है।”

उन्होंने कहा, “लॉकडाउन में कोविड मरीजों को छोड़ दें, तो नॉन-कोविड मरीजों की संख्या गिरने लगी है। इसका मुख्य कारण, आप घर पर खाना खा रहे हैं, पॉल्यूशन से दूर हैं, स्ट्रेस से दूर हैं, कहीं आने-जाने को लेकर चिंता नहीं है। ट्रैफिक में नहीं फसे हैं तो सारा लाइफस्टाइल का रोल है। दवाइयों का आपकी जिंदगी में 10 फीसदी हिस्सा है। असल तो आपकी जिंदगी है कि आप उसे कैसे जी रहे हैं।” बीएलके सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डारेक्टर डॉ. धर्मा चौधरी ने आईएएनएस को बताया, “रोजाना साइकिलिंग के बहुत सारे हेल्थ बेनिफिट होते हैं। साइकिल चलाने से मसल स्ट्रांग होता है और हड्डियां फ्लेक्सिबल होती हैं। मैं विश्व साइकिल दिवस पर सबसे अनुरोध करूंगा की साइकिलिंग को अपनाएं, इसके बहुत फायदे हैं। पर्यावरण को भी फायदा होता है।”