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Happy Birthday Khali: दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली का 50वां जन्मदिन आज,कैसे पंजाब पुलिस में भर्ती हुए ‘द ग्रेट खली’

Happy Birthday Khali: लेकिन जिस तरह खली का शरीर था वह आस-पास के गांव के लोगों के लिए उत्सुरता का विषय रहा करता था

नई दिल्ली। हिमाचल के एक छोटे से गांव धिराना में 27 अगस्त 1972 को दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली का जन्म हुआ,उनके पेरेन्ट्स ने यह कभी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा औरों से अलग होगा। आज खली का 50वां जन्मदिन मना रहे है। हिमाचल प्रदेश के राजपूत परिवार में पिता ज्वाला रमा और मां तांडी देवी के यहां दलीप सिंह राणा का जन्म हुआ बचपन से ही खली का शरीर अन्य बच्चों से थोड़ा अलग रहा। खली एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे। खली का परिवार इतना गरीब था कि पेट भरने के लिए भी रोजी रोटी का इंतजाम करना कठिन होता था, इसलिए खली ने अपनी पढ़ाई कम्पलीट नहीं की और बचपन से ही काम की तलाश में जुट गए। अपने सात भाई बहनों में से खली की बॉडी और कद काठी सबसे अलग और भारी-भरकम था। 7 फुट 1 इंच का लंबा और भारी भरकम शरीर लेकर डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में जब द ग्रेट खली उतरते थे तो अच्छे-अच्छे रेसलर्स के पसीने छूटने लगते थे। लेकिन खली का WWE की रिंग तक पहुंचने का सफर संघर्षों से भरा रहा। पढ़े लिखे ना होने के कारण से खली को मजदूरी करनी पड़ी। लेकिन जिस तरह खली का शरीर था वह आस-पास के गांव के लोगों के लिए उत्सुरता का विषय रहा करता था। आइए जानते हैं कैसा रहा द ग्रेट खली का शुरुआती दौर और कैसी रही डबलूडबलूई तक की ‘द ग्रेट जर्नी’।

खली ने मजदूरी करके गुजारा किया

दलीप को अगर मजदूरी का काम भी मिलती तो भारी पत्थरों को उठाने या जो काम नॉर्मल लोग नहीं कर सकते वहीं काम करने को मिलती थी। वह काम खली आसानी से कर देते थे। हालांकि, यह काम खली के लिए काफी आसान हुआ करता था। रेसलर ने लगातार कई साल मजदूरी की लेकिन उन्हें मजदूरी करके जो भी पैसे मिलते थे वह एक परिवार के लिए पर्याप्त नहीं होते थे, क्योंकि खली की डाइट ही आम लोगों से अधिक होती थी। कुछ दिनों बाद खली मजदूरी करने शिमला गए।

पंजाब पुलिस में हुए शामिल

अचानक खली की किस्मत उस वक्त चमक उठी जब पंजाब के एक पुलिस अफसर शिमला आए हुए थे और उनकी नजर खली पर गई। खली को अफसर साहब ने पंजाब आकर पुलिस की जॉब करने को कहा, क्योंकि खली के पास इतना पैसा नहीं थे कि वह पंजाब तक का ट्रैवल कर सकें इसलिए उस पुलिस अफसर ने खुद खली को पैसे देकर पंजाब बुलाया। खली ने भी पंजाब जाकर पुलिस की जॉब की। खली के भाई को भी पुलिस में नौकरी ऑफर हो गई थी।