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Rohit Sharma: WTC 2023 के फाइनल में करारी शिकस्त मिलने के बाद कैप्टन रोहित शर्मा ने ICC को ही दे डाली नसीहत, नियम बदलने की कर दी अपील

Rohit Sharma: रोहित शर्मा को इस बात का एहसास जरूर हो गया है कि आईपीएल जैसे चमक-धमक से भरे क्रिकेट खेलने के बाद परंपरागत टेस्ट क्रिकेट का खिताब जीतना इतना आसान नहीं है।

नई दिल्ली। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा पर ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ वाली कहावत सच होती नजर आ रही है। वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फ़ाइनल में ऑस्ट्रलिया के हाथों करारी शिकस्त मिलने के बाद कैप्टन रोहित शर्मा को अपनी टीम से ज्यादा ICC के नियमों की पड़ी है। इसीलिए तो कप्तान रोहित ICC को फ़ाइनल मुकाबले के लिए नियमों में बदलाव करने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि, रोहित शर्मा को इस बात का एहसास जरूर हो गया है कि आईपीएल जैसे चमक-धमक से भरे क्रिकेट खेलने के बाद परंपरागत टेस्ट क्रिकेट का खिताब जीतना इतना आसान नहीं है। इसीलिए रोहित शर्मा ने WTC के फ़ाइनल से पहले कम से कम 20 से 25 दिन पहले प्रैक्टिस करने की मांग की है। पहले न्यूजीलैंड और फिर ऑस्ट्रेलिया से मिली लगातार दूसरी हार के बाद रोहित ने बेस्ट ऑफ़ थ्री फाइनल्स और अगली बार से फाइनल में पहुंचने पर कम से कम 25 दिन पहले अभ्यास कराने की मांग की है। आपको बता दें कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ओवल में खेले गए WTC के फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 209 रनों से हरा दिया।

आपको बता दें कि टीम इंडिया 2013 के बाद से कोई भी आईसीसी की ट्रॉफी नहीं जीत पाई है। दो साल पहले भी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड ने इंग्लैण्ड में ही इंडिया को हराया था। उस वक़्त भी टीम के उस समय कोच रहे रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली ने बेस्ट ऑफ़ थ्री फाइनल्स की वकालत की थी। अब ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद रोहित ने भी कहा कि- ‘मैं बेस्ट ऑफ़ थ्री फाइनल्स के पक्ष में हूं। लेकिन क्या इसके लिए समय है? इस तरह के बड़े टूर्नामेंट्स में दोनों टीमों को उचित मौके मिलने चाहिए। तीन मैचों की सीरीज बेहतर है। लेकिन उसके लिए विंडों तलाशने की जरुरत है।’ आगे रोहित ने कहा कि- ‘दो साल मेहनत करने के बाद आपको बस एक मौका मिलता है। टेस्ट क्रिकेट की लय अचानक हासिल कर पाना मुश्किल है। इसीलिए अगले संस्करण में अगर संभव हो तो बेस्ट ऑफ़ थ्री फाइनल्स होना चाहिए।’

वहीं WTC का ख़िताब अपने नाम करने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के कैप्टन पेट कमिंस ने कहा कि- ‘मैं आईसीसी के इस फॉर्मेट से खुश हूं। आप 50 मैच की सीरीज क्यों न खेल लें, लेकिन ओलंपिक में गोल्ड जीतने के लिए एक ही रेस दौड़नी होती है। ये खेल भी वही है।’