
नई दिल्ली। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़कर चली गई हैं। इसके परिणामस्वरूप, बांग्लादेश की सत्ता पर सेना का नियंत्रण हो गया है। इस राजनीतिक संकट का असर खेल आयोजनों पर भी पड़ सकता है, और विशेषकर महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेज़बानी को लेकर चिंता बढ़ गई है। बांग्लादेश में इन दिनों छात्रों के लिए आरक्षण कोटे को लेकर अशांति और हिंसा फैली हुई है। हालांकि, देश की स्थिति के बावजूद बांग्लादेश महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 की मेज़बानी पर अड़ा हुआ है। इससे पहले, 2023 में महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेज़बानी दक्षिण अफ्रीका ने की थी।
आईसीसी के अनुसार, महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 का आयोजन 3 से 20 अक्टूबर तक बांग्लादेश में होना है। इस टूर्नामेंट के मैच सिलहट और ढाका में खेले जाएंगे। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने स्पष्ट किया है कि देश में चल रही हिंसा और अशांति का प्रभाव विश्व कप की मेज़बानी पर नहीं पड़ेगा। बीसीबी के अध्यक्ष ने कहा कि टूर्नामेंट के आयोजन पर किसी भी प्रकार का असर नहीं होगा और वे पूरी तैयारी के साथ टूर्नामेंट की मेज़बानी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। फाइनल मैच ढाका में खेला जाएगा, जहां स्थिति अभी भी चिंताजनक है।
बीसीबी के सीईओ निज़ामुद्दीन चौधरी ने ‘क्रिकबज’ से बातचीत में कहा, “हम अपने प्लान पर कायम हैं और आगामी महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेज़बानी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हम हर हाल में इस टूर्नामेंट को सफलतापूर्वक आयोजित करेंगे।” बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद, महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेज़बानी को लेकर बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड की तैयारी जारी है और उन्होंने टूर्नामेंट की सफलता की पूरी उम्मीद जताई है।
बांग्लादेश दूसरी बार महिला टी20 विश्व कप की मेज़बानी कर रहा है, पर भी इस बैठक में विचार हो सकता है। इससे पहले, श्रीलंका ने 2012 में और भारत ने 2016 में महिला टी20 विश्व कप की मेज़बानी की थी। 2014 में बांग्लादेश में इस प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था। महिला टी20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को सबसे सफल टीम माना जाता है, जिसने अब तक छह बार खिताब जीते हैं। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज ने इस प्रतियोगिता को एक-एक बार अपने नाम किया है।