नई दिल्ली। पेरिस में खेले जा रहे ओलंपिक गेम्स में ताइवान की ‘विवादित’ मुक्केबाज लिन यू-टिंग ने जीत के साथ आगाज किया है। महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग मुक्केबाजी में लिन यू-टिंग ने उज्बेकिस्तान की सितोरा तुर्दीबेकोवा को हरा दिया। दरअसल लिन यू-टिंग के जेंडर को लेकर विवाद मचा हुआ है। लिन पर पुरुषों वाले गुणसूत्र होने का दावा किया जा रहा है। इससे पहले 2023 में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) द्वारा दिल्ली में आयोजित विश्व चैंपियनशिप से लिन को अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
It just happened again at the Olympics.
Lin Yu‑ting, a biological male (XY), just “won” the women’s boxing match.
This is wokeness. Don’t look away.
— End Wokeness (@EndWokeness) August 2, 2024
अब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने लिन को ओलंपिक में खेलने के लिए मंजूरी दे दी है, जिसको लेकर मुक्केबाजों और फैंस में नाराजगी देखी जा रही है। इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने वित्तीय, नैतिक और संचालन मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ ओलंपिक से जिम्मेदारी भी ले ली है। पेरिस ओलंपिक में लिन से पहले भी एक और मुक्केबाज को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। अल्जीरिया की इमाने खेलीफ पर भी पुरुष गुणसूत्र होने का आरोप है। लिन की तरह ही इमाने खेलीफ को भी 2023 में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) द्वारा दिल्ली में आयोजित विश्व चैंपियनशिप से हटा दिया गया था।
Angela Carini abandons Olympic fight after 46 seconds against Imane Khelif, Algerian boxer that sparked huge controversy at the Olympics
Controversy after Khelif failed IBA gender test.
‘I have never felt a punch like this’ – Carini. pic.twitter.com/mxqsmcSEVB
— subash kumar (@Krishan10_) August 1, 2024
आपको बता दें कि इमाने खेलीफ ने महिलाओं की 66 किलोग्राम वर्ग के मुकाबले में गुरुवार को इटली के एंजेला कारिनी को हराया था। दरअसल मैच शुरू होने के 46 सेकंड बाद ही कारिनी मैच से हट गई थीं। उन्होंने कहा था कि खेलीफ के पंच इतने तगड़े थे कि उन्हें लगा कि वह चोटिल हो जाएंगी। इसी के बाद उनके जेंडर को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया। हालांकि लिन और खेलीफ को ओलंपिक में खेलने की अनुमति देने के अपने फैसले का बचाव करते हुए राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कहा कि हर कोई खिलाड़ी प्रतियोगिता पात्रता नियमों का पालन कर रहा है। वे जिनको लेकर विवाद है वो अपने पासपोर्ट में महिलाएं हैं।