नई दिल्ली। सोमवार को नवरात्रि का पर्व शुरू हो गया है। हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि विश्वभर में हिंदू धर्म के लोगों के लिए नवरात्रि के 9 दिन और दुर्गा पूजा काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। नेताओं से लेकर बॉलीवुड और खेल जगत की तमाम हस्तियां नवरात्रि पर सोशल मीडिया के जरिए फैंस को शुभकामनाएं संदेश दे रहे है। इसके अलावा विश्वभर की कई हस्तियां हिंदुस्तान को नवरात्रि की शुभकामनाएं दे रहे हैं। इसी बीच बांग्लादेश में हिंदू क्रिकेटर लिटन दास ने भी फेसबुक के जरिए देशवासियों को दुर्गा पूजा की बधाई दी। लेकिन कई कट्टरपंथियों को ये बिल्कुल रास नहीं आया। इतना ही नहीं कट्टरपंथियों ने उन्हें धमकी दे डाली और कई लोगों ने कमेंट करते हुए लिटन दास को धर्मपरिवर्तन करने के लिए तक कह दिया।
बता दें कि लिटन दास ने अपने अपने ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट से दुर्गा देवी की फोटो साझा की। साथ ही उन्होंने लिखा, महालया मुबारक! मां आ रही है। लेकिन दुर्गा पूजा पर बांग्लादेश में हिंदू क्रिकेटर लिटन दास के बधाई देने पर कट्टरपंथी बौखला गए है। कट्टरपंथी उनके पोस्ट से इस कदर तिलमिला हुए है कि क्रिकेटर के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल भी कर रहे है।
ऐसा पहली मर्तबा नहीं है जब बांग्लादेशी क्रिकेटर लिटन दास ने हिंदू फेस्टिवल पर बधाई दी हो। ज्ञात हो कि इससे पहले दास ने पहले कृष्ण जन्माष्टमी पर बधाई देते हुए पोस्ट किया था। जिसके बाद भी लिटन दास को कट्टरपंथी ने निशाने पर लिया था और सोशल मीडिया पर ट्रोल करने के साथ-साथ धमकी भी दी गई थी। ज्ञात हो कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों और मंदिरों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। बीते कई महीनों में बांग्लादेश में हिंदुओं के परिवार पर हमले की खबरें सामने आई चुकी है और कई मंदिरों को उपद्रवियों ने नुकसान भी पहुंचाया है।
” Soumya Sarkar is a Hindu cricketer, I don’t want to meet him ” . When a Bangladeshi madrasa boy is asked which Bangladeshi cricketer he would like to meet. Then the boy answered. pic.twitter.com/NGsHgt5pvS
— Voice Of Bangladeshi Hindus ?? (@VoiceOfHindu71) August 18, 2022
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के प्रति घृणा का ये पहला वाक्या नहीं है। इससे पहले भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें रिपोर्टर से बच्चे का पसंदीदा खिलाड़ी का नाम पूछा जाता है जिसमें बच्चा बांग्लादेश के मुस्लिम खिलाड़ियों से मिलने की इच्छा जाहिर करता है। मगर सौम्या सरकार मिलने के लिए मना कर देते है क्योंकि वो हिन्दू हैं।