नई दिल्ली। बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक संघर्ष का असर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट आयोजनों पर भी पड़ा है। महिला टी20 विश्व कप 2024 का आयोजन बांग्लादेश में होना तय था, लेकिन देश में जारी अशांति के कारण इस आयोजन को दूसरे देश में शिफ्ट किया जा सकता है। इस सबके बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्डने इस टूर्नामेंट की मेज़बानी से इनकार कर दिया है। इसके पीछे एक बड़ी वजह छिपी हुई है। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने इस मुद्दे पर स्पष्ट स्थिति दी है कि यदि बांग्लादेश की स्थिति में सुधार नहीं होता, तो भारत महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 की मेज़बानी नहीं करेगा। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए बताया कि आईसीसी ने बीसीसीआई से संपर्क किया था और पूछा था कि क्या भारत बांग्लादेश की राजनीतिक अशांति के बावजूद इस वर्ल्ड कप की मेज़बानी करेगा। जय शाह ने जवाब में कहा कि भारत इस प्रस्ताव को ठुकरा देता है।
बांग्लादेश में हाल ही में छात्रों के नेतृत्व में हुई एक बड़ी और हिंसक आंदोलन ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन ने अवामी लीग पार्टी को सत्ता से हटा दिया और बांग्लादेश की स्थिति को अत्यंत अस्थिर बना दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, आईसीसी ने बांग्लादेश की जगह किसी और देश में वर्ल्ड कप के आयोजन पर विचार करना शुरू कर दिया है। जय शाह ने आगे कहा कि भारत पहले से ही अगले साल महिला वनडे वर्ल्ड कप की मेज़बानी करेगा और मौजूदा मानसून सीज़न के चलते, भारत इस बार महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेज़बानी नहीं करना चाहता। उन्होंने यह भी कहा कि भारत लगातार वर्ल्ड कप आयोजित करने का संकेत नहीं देना चाहता। इस कारण, भारत ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और अब आईसीसी के पास एशिया में दो ही विकल्प बचते हैं – श्रीलंका और यूएई।
आईसीसी के पास अब बांग्लादेश के बाहर दो संभावित विकल्प हैं: श्रीलंका और यूएई। दोनों ही देशों ने पहले भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंटों की मेज़बानी की है और इस स्थिति में ये संभावित मेज़बान हो सकते हैं। श्रीलंका, जो क्रिकेट की मजबूत परंपरा के साथ एक प्रमुख क्रिकेटिंग राष्ट्र है, और यूएई, जो एक स्थिर और सुविधाजनक विकल्प के रूप में उभरा है, दोनों ही इस वर्ल्ड कप की मेज़बानी के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।