नई दिल्ली। भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी डी. गुकेश ने 18 वर्ष की उम्र में इतिहास रच दिया। गुकेश शतरंज के सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बन गए हैं। भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने आज रोमांचक मुकाबले के 14वें और आखिरी गेम में विश्व विजेता चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन का खिताब अपने नाम कर लिया। गुकेश दूसरे भारतीय ग्रैंडमास्टर हैं जिन्होंने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब जीता है। उनसे पहले भारत की तरफ से विश्वनाथन आनंद एकमात्र ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्होंने यह शानदार खिताब हासिल किया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 का खिताब जीतने के लिए डी. गुकेश को बधाई दी है।
शतरंज के नए विश्व वचैंपियन बनने के बाद रोने लगे डी गुकेश! ईश्वर का किया धन्यवाद। हर बड़ी जीत के बाद, हर बड़ी ख़ुशी में भावुक हो जाते हैं भारतीय। ये ख़ुशी के आंसू हैं।
डी गुकेश सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बन गए हैं। लड़के ने इतिहास रच दिया है। pic.twitter.com/rPJfjBrs36
— Shubham Shukla (@ShubhamShuklaMP) December 12, 2024
गुकेश ने डिंग लिरेन के बीच इससे पहले खेले गए 13 राउंड में दोनों ने 2-2 मैच जीते थे, जबकि 9 मैच ड्रॉ रहे हुए थे। दोनों खिलाड़ी 6.5 पॉइंट्स के साथ बराबरी पर थे। 14वां और आखिरी राउंड निर्णायक था जिसमें बीच में चीन के एक छोटी सी गलती कर दी। इस गलती का खामियाजा उनको विश्व चैंपियन का खिताब गंवाकर भरना पड़ा। भारतीय ग्रैंड मास्टर डी. गुकेश चीन के डिंग लिरेन को हराने के बाद कुछ देर के लिए भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। गुकेश की इस उपलब्धि से पहले, रूस के महान गैरी कास्पारोव के नाम सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन का रिकॉर्ड दर्ज था। उन्होंने साल 1985 में अनातोली कारपोव को पछाड़कर 22 साल की उम्र में विश्व चैंपियन का खिताब जीता था।
Historic and exemplary!
Congratulations to Gukesh D on his remarkable accomplishment. This is the result of his unparalleled talent, hard work and unwavering determination.
His triumph has not only etched his name in the annals of chess history but has also inspired millions… https://t.co/fOqqPZLQlr pic.twitter.com/Xa1kPaiHdg
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डी. गुकेश को बधाई देते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ऐतिहासिक एवं अनुकरणीय! गुकेश को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई। यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट संकल्प का परिणाम है। उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज कराया है, बल्कि लाखों युवाओं को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। डी. गुकेश को भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं।