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Saina Nehwal Birthday: बेटी होने पर नहीं देखा था 1 महीने चेहरा, आज उसी साइना नेहवाल ने बेटा बन देश का किया नाम

Saina Nehwal Birthday: देश की बैडमिंटन चैपियन साइना नेहवाल को कौन नहीं जानता हैं, उन्होंने कई बार अपनी कड़ी मेहनत से देश को गर्व कराया हैं और देश के नाम कई मेडल कराए हैं। साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 में हरियाणा के हिसार में हुआ था। उनके जन्म के वक्त उनकी दादी ने उनका एक महीने तक मुंह नहीं देखा था

नई दिल्ली। आज भले ही हमें 21वीं शताब्दी में पहुंच गए हैं। भले ही आज ऐसा कहा जाता है कि हमारी छोरी छोरो से कम हैं के… आज हर क्षेत्र में महिलाएं बढ़-चढ़ के हिस्सा ले रही हैं और पुरुषों की बराबरी कर रही हैं लेकिन अभी भी बहुत लोगों की मानसिकता ऐसी हैं कि वह लड़की है वो ये काम नहीं कर पाएगी। जबकि उन्हें यह नहीं पता कि अगर लड़की को मौका दिया जाए तो वह चांद पर भी जा सकती है। भारत में पहले रुढ़िवादि सोच के कारण ना जाने कितनी लड़कियों को दुनिया देखने से पहले ही मार दिया गया, ना जाने कितनी लड़कियों को उनके सपनों का गला घोट दिया गया हैं। हालांकि, यह अब कम हो गया है लेकिन अभी भी कितने लोग हैं जो आज भी लड़कों की चाह रखते हैं, अब लड़कियां भी लड़कों से कम नहीं होती इसका जीता जागता उदाहरण है हमारे देश की बेटी कल्पना चावला जिनकी आज बर्थ एनिवर्सरी है जो चांद तक हो आईं थी। वहीं दूसरी शख्सियत देश की दूसरी बेटी साइना नेहवाल जिनको आज हर कोई जानता हैं। उन्होंने अपने दम पर नाम कमाया हैं लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उनके जन्म के समय उनकी दादी खुश नहीं थी क्योंकि वह लड़की थी।

बेटी होने पर नहीं देखा था चेहरा

देश की बैडमिंटन चैपियन साइना नेहवाल को कौन नहीं जानता हैं, उन्होंने कई बार अपनी कड़ी मेहनत से देश को गर्व कराया हैं और देश के नाम कई मेडल कराए हैं। साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 में हरियाणा के हिसार में हुआ था। उनके जन्म के वक्त उनकी दादी ने उनका एक महीने तक मुंह नहीं देखा था क्योंकि वह लड़की थी उनकी दादी को बेटा चाहिए था। हालांकि, साइना नेहवाल की मां उषा नेहवाल ने हर कदम पर अपनी बेटी का साथ दिया और उन्होंने कभी भी घरवालों और बाहर के लोगों के तानों पर ध्यान नहीं दिया और अपनी बेटी को उनके करियर में पूरा साथ दिया और उन्हें चैंपियन बनाने में मदद किया। हम आपको बता दें कि साइना की मां उषा जी भी एक बैडमिंटन प्लेयर हैं लेकिन उन्होंने राज्य स्तर पर बैडमिंटन खेला हैं। अपनी मां को देख साइना ने भी बैडमिंटन को अपना करियर बनाया जबकि वह कराटे में अपना करियर देखती थी।

कई खिताब किए नाम

साइना भारत की पहली खिलाड़ी महिला हैं जिन्होंने देश के नाम साल 2009 में इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीत कर इसे अपने नाम किया। इसे बाद साइना साल 2012 में लंदन ओल्पिंक में भी ब्रॉन्ज मेडल देश लेकर आईं। उनकी इन सब उपलब्धियों ने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।