
नई दिल्ली। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ के मामले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी), कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) की प्रशासकीय समिति, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए और अन्य के खिलाफ कब्बन पार्क पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया गया है। इन सभी पर धारा 105, 125 (1) (2), 132, 121/1, 190 आर/डब्ल्यू 3 (5) के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। आरसीबी की विक्ट्री परेड से पहले भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इस बीच हादसे को लेकर एक बड़ा दावा किया जा रहा है। आज तक ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि आरसीबी मैनेजमेंट ने बिना इजाजत विक्ट्री परेड का ऐलान कर दिया था। आरसीबी मैनेजमेंट कथित तौर पर बेंगलुरु सिटी पुलिस से विक्ट्री परेड की इजाजत मांगी थी मगर पुलिस चाहती थी कि आयोजन रविवार को किया जाए ताकि सुरक्षा व्यवस्था के लिए समय मिल जाए। मगर पुलिस के जवाब से पहले ही आरसीबी के सोशल मीडिया हैंडल से विक्ट्री परेड के बारे में पोस्ट कर दिया गया। इसके बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर लोगों की भारी भीड़ जमा होनी शुरू हो गई। साथ ही यह भी दावा किया गया है कि आरसीबी ने फ्री एंट्री पास की घोषणा कर दी जिसके बाद हालात और ज्यादा खराब हो गए।
दूसरी तरफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन और पुलिस को नोटिस भेजकर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। भगदड़ की घटना के बाद कल ही भारत के पूर्व क्रिकेटर मदनलाल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा था कि लोग इस घटना और विराट कोहली को कभी नहीं भूलेंगे। बाहर लोग मर रहे थे, उस वक्त अंदर जश्न चल रहा था, ये चौंकाने वाली और निराशाजनक घटना है। मृतकों के परिवारों को इस दुखद दुर्घटना के लिए आरसीबी और राज्य सरकार पर 100 करोड़ रुपये का मुकदमा करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने बीसीसीआई पर भी जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया था।