नई दिल्ली। इस साल देश आजादी के 75 वर्ष पूरे करेगा और इसके लिए हिंदुस्तानवासी ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ बनाने की तैयारियों मे लगे हुए हैं। ऐसे में NEWSROOMPOST भी आपके लिए खेल जगत के कुछ सितारों के ऐसे कारनामे में आपको बताएगा, जब उन्होंने अपने प्रदर्शन की वजह से हिंदुस्तान का सिर राष्ट्रीय स्तर पर उंचा किया। इसी कड़ी में आज हम देश की गोल्डन गर्ल मीराबाई चानू की ऐसी उपलब्धियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जब उन्होंने खुद का और देश का नाम रोशन किया हो। आज भारत के विकाश में जितनी भूमिका पूरुषों की उतनी ही हिस्सेदारी भारतीय महिलाओं की भी है। अब अगर बात खेल जगत की करें तो इस बार के कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में एक बार फिर से भारतीय महिलाओं ने साबित कर दिया कि वो यहां पर भी पुरुषों से कम नहीं हैं। इसी बात पर खरी उतरती हुई मीराबाई चानू ने राष्ट्रमंडल खेल 2022 में पहला गोल्ड भारत के नाम किया। लेकिन इससे पहले के टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर जीतने से देश की हौनहार महिला ने अपनी अगल ही पहचान बनाई।
ओलंपिक में पदक लाकर रच दिया था इतिहास
मीराबाई चानू को 24 जुलाई 2021 का दिन हमेशा याद रहेगा और इसकी वजह ओलंपिक के इतिहास में वेटलिफ्टिंग के दौरान उनका 49 किग्रा भारवर्ग में हिंदुस्तान को ऐतिहासिक सिल्वर मेडल दिलाना है। इस दिन देश की चहेती मीराबाई चानू ने क्लीन एंड जर्क में 115 किलो और स्नैच में 87 किलो सहित कुल 202 वजन का भार उठाकर रजत पदक जीता था। इसके बाद देश की यह गोल्डन गर्ल ओलंपिक के इतिहास में पहली पदक जीतने वाली भारतीय महिला और हिंदुस्तान के लिए वेटलिफ्टिंग में ओलंपिक के दौरान पदक लाने वाली दूसरी खिलाड़ी बनी। यही वजह है कि आप मीराबाई चानू की इस उपलब्धि को हलके में नहीं ले सकते हैं। उन्होंने हिंदुस्तानियों को 21 साल बाद टोक्यो के ओलंपिक में पदक दिलाकर इतिहास रच दिया था।
CWG 2022 में भारत को दिया पहला गोल्ड मेडल
मीराबाई चानू का सफर टोक्यो ओलंपिक के बाद थमा नहीं बल्कि इसके बाद उनसे हिंदुस्तानियों को और ज्यादा उम्मीद होने लगी। इसी उम्मीद पर कायम रहते हुए मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में देश को पहला गोल्ड मेडल दिलवाया था। उन्होंने इस दौरान कुल 201 किलो वजन उठाया। पहले स्नैच राउंड में 88 किलो और क्लीन एंड जर्क में 113 किलो वजन उठाकर अपनी विरोधी खिलाड़ियों को हराकर अपने देश को गोल्ड मेडल दिलाया।
Lifting 201kg never felt easy but thanks to the love and wishes of billions back home, every challenge is just an attempt away. ??#WeAreTeamIndia #TeamIndia pic.twitter.com/GnyaftZkpv
— Saikhom Mirabai Chanu (@mirabai_chanu) July 30, 2022
कौन हैं मीराबाई चानू?
अपनी मेहनत की वजह से आज हर जुबान का हिस्सा बनी मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को नोंगपोक काकचिंग गांव में हुआ था। मीराबाई चानू एक मध्यवर्गीय परिवार से भी निचले स्तर से थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह खाना बनाने के लिए दूर जंगल से चूल्हे की लकड़ी लेने के लिए जाया करती थी और मजह 12 साल की उम्र से ही मीराबाई चानू बड़े-बड़े लकड़ी के ढेर उठा लिया करती थीं। उनकी इसी मेहनत और देश के प्रति कुछ कर गुजरने के जुनून की वजह से आज वो खेल जगत में एक जाना पहचाना नाम बन चुकी हैं और एक के बाद एक पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर रही हैं। ये ही वजह है कि आज भारत के 75वें आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में देश के नाम उनकी उपलब्धियां दर्ज हुई हैं उनमें से ओलंपिक में रजत पदक और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल शामिल है।