
नई दिल्ली। फ्रांस की राजधानी पेरिस में हाल ही में संपन्न हुए ओलंपिक खेलों में कई देशों के एथलीटों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। अगला ओलंपिक गेम्स अमेरिका के लॉस एंजिल्स में 2028 में आयोजित होगा, जबकि 2032 में इसकी मेजबानी ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन शहर को दी गई है। साल 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी किस देश को मिलेगी, इस पर अभी इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) को निर्णय लेना बाकी है। इसी बीच, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी को लेकर आईओसी को एक लेटर ऑफ इंटेंट भेजा है, जिसमें भारत में ओलंपिक का आयोजन करने की इच्छा जाहिर की गई है।
Olympics 2036 की मेजबानी के लिए भारत ने की दावेदारी, IOA ने IOC को सौंपा लेटर-सूत्र#Olympics2036 pic.twitter.com/7QNhfRu5MQ
— News18 Bihar (@News18Bihar) November 5, 2024
पीएम मोदी ने ओलंपिक मेजबानी को बताया प्रमुख लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार अपने भाषणों में भारत के इस बड़े सपने का जिक्र कर चुके हैं। स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पीएम मोदी ने इसे देश का प्रमुख लक्ष्य बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और भारत अपने एथलीटों की उपलब्धियों से प्रेरित है। पेरिस ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित किया, जिसमें एक सिल्वर समेत कुल 6 मेडल शामिल हैं। पीएम मोदी ने पैरालंपिक में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को भी शुभकामनाएं दीं, जो जल्द ही पेरिस के लिए रवाना होंगे।
India officially bids to host the 2036 Olympic and Paralympic Games!
The Indian Olympic Association submitted a Letter of Intent to the International Olympic Committee (IOC), marking a historic step towards this monumental opportunity.
With strong support from PM Narendra… pic.twitter.com/ABOhhSGLLs
— The Tatva (@thetatvaindia) November 5, 2024
आईओए में उथल-पुथल भरा माहौल
भारत के ओलंपिक मेजबानी के सपने को साकार करना फिलहाल भारतीय ओलंपिक संघ के लिए एक चुनौती साबित हो सकता है। आईओए में इस समय उथल-पुथल का माहौल है। अध्यक्ष पीटी ऊषा और कार्यकारी बोर्ड के बीच तनाव की स्थिति है, जो मेजबानी अधिकार हासिल करने के प्रयासों को प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर भारत को 2036 ओलंपिक की मेजबानी मिलती है, तो यह भारतीय खेल इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण होगा। आईओए के इस कदम से भारत की वैश्विक खेल मंच पर उपस्थिति को और भी मजबूत करने का अवसर मिलेगा।