90 के दशक में भारतीय टीम सचिन पर कुछ ज्यादा ही निर्भर थी : मांजरेकर

मांजरेकर ने कहा, “दुर्भाग्यवश, 96/97 तक टीम सचिन पर काफी हद तक निर्भर हो गई थी क्योंकि वह बेहद निरंतरता के साथ खेल रहे थे और वो भारत के पहले ऐसे खिलाड़ी थे जो हावी होते और अच्छी गेंदों पर भी रन बनाते थे।”

Avatar Written by: May 18, 2020 2:14 pm
sanjay manjrekar

नई दिल्ली। भारत के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर का मानना है कि 1990 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम सचिन तेंदुलकर पर कुछ ज्यादा ही निर्भर थी। सचिन को विश्व क्रिकेट में भगवान का दर्जा प्राप्त है और वह इस खेल के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में गिने जाते हैं।

sanjay manjrekar and sachin tendulkar

मांजरेकर ने रविवार को भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के साथ इंस्टाग्राम पर बातचीत में कहा, “सचिन तेंदुलकर ने साल 89 में पदार्पण किया। एक साल के अंदर उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 80 रनों की पारी खेली। 91/92 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने पहला शतक बनाया। पूरा विश्व उनकी तरफ उम्मीदों से देख रहा था। उम्र हमेशा से एक मुद्दा थी, वो सिर्फ 17 साल के थे। वो जिस तरह से विश्व स्तर के आक्रमण पर हावी होते थे वो देखने लायक था। हमारे लिए टीम में इसमें कोई शक नहीं था कि यह खिलाड़ी अलग स्तर का खिलाड़ी है।”

SANJAY MAJREKAR

मांजरेकर ने कहा, “दुर्भाग्यवश, 96/97 तक टीम सचिन पर काफी हद तक निर्भर हो गई थी क्योंकि वह बेहद निरंतरता के साथ खेल रहे थे और वो भारत के पहले ऐसे खिलाड़ी थे जो हावी होते और अच्छी गेंदों पर भी रन बनाते थे।”

sanjay manjrekar

दाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज ने कहा, “तब तक भारतीय टीम डिफेंसिव बल्लेबाजी के लिए जानी जाती थी, जो खराब गेंदों को बाहर भेजते थे, जैसे की सुनील्ल गावस्कर, कुछ सत्र गेंदबाज को सम्मान दिया और फिर वो थकने के बाद खराब गेंद फेंकेगा और आप उस पर रन बनाओगे। सचिन बेहतरीन गेंदबाज की गेंद को भी बाउंड्री पर भेज देते थे।”