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CWG 2022: भारतीय महिला मुक्केबाज निकहत जरीन ने जीता गोल्ड मेडल, कॉमनवेल्थ में जारी है हिंदुस्तानियों का जलवा

CWG 2022: निकहत ने फाइनल मैच के शुरुआत से ही दमदार प्रदर्शन किया और इसे अंतिम समय तक बरकरार रखा। उन्होंने इस मुकाबले को 5-0 से मैच जीतकर इतिहास रच दिया। निकहत से पहले आज ही के दिन यानी रविवार को बॉक्सिंग में दो और गोल्ड मेडल भारत की झोली में आए हैं। नीतू और अमित पंघाल ने निकहत के अलावा देश को बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल दिलवाया।

नई दिल्ली। भारतीय महिला मुक्केबाज निकहत जरीन ने भारत को एक और गोल्ड मेडल दिया है। इसके बाद भारत की झोली में  एक और सर्वश्रेष्ठ मेडल गोल्ड आ चुका है। इस साल भारतीय मुक्केबाजों और वेटलिफ्टरों ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में शानदार प्रदर्शन किया है। भारत की झोली में सबसे ज्यादा मेडल इन्हीं दो खेलों में मेडल आए हैं। इस जीत के बाद निकहत कई युवा खिलाड़ियों की प्रेरणा का मार्ग बन चुकी हैं। बता दें कि निकहत ने 48-50 किग्रा लाइट कैटेगरी में ये गोल्ड हासिल किया है। इस दौरान उन्होंने फाइनल बाउट में आयरलैंड की बॉक्सर नॉल कार्ले को 3-0 से हराया। इससे पहले भी मैच में निकहत ने आयरलैंड की खिलाड़ी नॉल कार्ले को पहले और दूसरे राउंड में 5-0 से ही शिकस्त दी। निकहत के इस मेडल के साथ ही अब तक भारत की झोली में 48 मेडल आ चुके हैं। इसके अलावा बॉक्सिंग में ये तीसरा गोल्ड है। खुशी की बात ये है कि निकहत ने पहली बार देश के लिए गोल्ड जैसा अहम पद जीता है।


निकहत ने फाइनल मैच के शुरुआत से ही दमदार प्रदर्शन किया और इसे अंतिम समय तक बरकरार रखा। उन्होंने इस मुकाबले को 5-0 से मैच जीतकर इतिहास रच दिया। निकहत से पहले आज ही के दिन यानी रविवार को बॉक्सिंग में दो और गोल्ड मेडल भारत की झोली में आए हैं। नीतू और अमित पंघाल ने निकहत के अलावा देश को बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल दिलवाया।

कौन हैं निकहत जरीन? 

भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल देकर चर्चा का विषय बनी निकहत जरीन तेलंगाना की रहने वाली हैं। उनका जन्म 14 जून 1996 को हुआ था। निकहत के पिता का नाम मोहम्मद जलील अहमद और माताजी का नाम परवीन सुल्ताना है। अपने बॉक्सिंग करियर की शुरुआत महज 13 साल की उम्र में कर दी थी। निकहत के अलावा उनके परिवार में दो बड़ी बहने हैं और पेशे से वो डॉक्टर हैं।