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Karthikeyan Murali Beats Magnus Carlsen: कार्तिकेयन मुरली ने कर दिखाया करिश्मा, दुनिया के नंबर 1 शतरंज खिलाड़ी मैगनस कार्लसन को हराने वाले तीसरे भारतीय बने

कार्तिकेयन मुरली से पहले मैगनस कार्लसन को हराने वाले भारतीय शतरंज खिलाड़ी पेंटला हरिकृष्ण और विश्वनाथन आनंद रहे हैं। पेंटला हरिकृष्ण ने मैगनस कार्लसन को साल 2005 में शिकस्त दी थी। तब मैगनस कार्लसन की उम्र 14 साल थी। कार्लसन को दुनियाभर में अपनी शानदार चालों की वजह से प्रसिद्धि मिली हुई है।

दोहा। भारत के शतरंज खिलाड़ी कार्तिकेयन मुरली ने जबरदस्त करिश्मा कर दिखाया है। कतर मास्टर्स टूर्नामेंट में कार्तिकेयन मुरली ने दुनिया के नंबर 1 शतरंज खिलाड़ी मैगनस कार्लसन को हरा दिया। कार्तिकेयन मुरली इसके साथ ही भारत के ऐसे तीसरे खिलाड़ी हो गए हैं, जिसने मैगनस कार्लसन को शतरंज के खेल में हराने में सफलता हासिल की है। कार्तिकेयन मुरली ने मैगनस कार्लसन के खिलाफ शतरंज के गेम में सातवें राउंड में सफलता हासिल की। काले मोहरों से खेलते हुए मुरली ने शानदार चालें चलीं और मैगनस कार्लसन से शतरंज की बाजी छीन ली। इसके साथ ही कार्तिकेयन मुरली भारत के तीसरे ऐसे शतरंज खिलाड़ी हो गए हैं, जिन्होंने दुनिया के सबसे शानदार खिलाड़ी माने जाने वाले मैगनस कार्लसन को मात दी है। कार्लसन को हराने से पहले टूर्नामेंट के छठे दौर में कार्तिकेयन मुरली ने परहम माघसूदलू के खिलाफ ड्रॉ खेला था।

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कार्तिकेयन मुरली से पहले मैगनस कार्लसन को हराने वाले भारतीय शतरंज खिलाड़ी पेंटला हरिकृष्ण और विश्वनाथन आनंद रहे हैं। पेंटला हरिकृष्ण ने मैगनस कार्लसन को साल 2005 में शिकस्त दी थी। तब मैगनस कार्लसन की उम्र 14 साल थी। मैगनस कार्लसन को शतरंज की बाजी में मात देने के साथ ही कार्तिकेयन मुरली ने एसएल नारायण, जावोखिर सिंदारोव, डेविड पाराव्यान, अर्जुन एरिगेसी और नोडिरबेक याकूबबोएव की बराबरी भी कर ली है। कार्तिकेयन मुरली समेत इन सभी शतरंज खिलाड़ियों ने 7 में से 5.5 अंक हासिल करने का करिश्मा किया है। अब आपको कार्तिकेयन मुरली के बारे में बताते हैं। कार्तिकेयन मुरली की उम्र सिर्फ 24 साल है। वो तमिलनाडु के तंजावुर के रहने वाले हैं। कार्तिकेयन मुरली ने 5 साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू किया था। वो दो बार नेशनल चैंपियन भी रह चुके हैं।

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कार्तिकेयन मुरली ने दिसंबर 2011 में वर्ल्ड यूथ चेस चेंपियनशिप भी जीती थी। तब उनकी उम्र 12 साल से कम थी। 2013 में कार्तिकेयन ने अल-ऐन में हुए वर्ल्ड अंडर 16 शतरंज चैंपियनशिप को भी जीता था। अब मैगनस कार्लसन को कतर में हो रहे चैंपियनशिप में हराकर कार्तिकेयन मुरली ने भारत का नाम एक बार फिर दुनिया में ऊंचा कर दिया है। इससे पहले आर. प्रज्ञानानंद को विश्व शतरंज चैंपियनशिप में मैगनस कार्लसन के हाथ फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। अब कार्तिकेयन मुरली ने मैगनस कार्लसन को हराकर प्रज्ञानानंद की हार का बदला दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी से ले लिया है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कार्तिकेयन भारत की तरफ से शतरंज की दुनिया में और झंडे फहराएंगे।