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Manu Bhaker Can Make Another Historical Record In Paris Olympics : मनु भाकर पेरिस ओलंपिक में बना सकती हैं एक और ऐतिहासिक रिकॉर्ड, अब तीसरे मेडल के लिए लगाएंगी निशाना

Manu Bhaker Can Make Another Historical Record In Paris Olympics : मनु ने ओलंपिक में निशानेबाजी की तीन प्रतिस्पर्धाओं में क्वालीफाई किया है। मनु दो प्रतिस्पर्धाओं में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। अब उनकी नजर तीसरे इवेंट यानी 25 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा पर होगी जो 2 अगस्त को होगा। मनु की पिछली दो प्रतिस्पर्धाओं में परफॉर्मेंस को देखते हुए उन्हें 25 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में भी मेडल के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है।

नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने वाली भारत की निशानेबाज मनु भाकर एक और जबर्दस्त रिकॉर्ड बना सकती हैं। मौजूदा ओलंपिक में दो मेडल जीत चुकीं मनु तीसरा मेडल भी अपने नाम कर सकती हैं। मनु ने ओलंपिक में निशानेबाजी की तीन प्रतिस्पर्धाओं में क्वालीफाई किया है। मनु दो प्रतिस्पर्धाओं में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। अब उनकी नजर तीसरे इवेंट यानी 25 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा पर होगी जो 2 अगस्त को होगा। मनु की पिछली दो प्रतिस्पर्धाओं में परफॉर्मेंस को देखते हुए उन्हें 25 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में भी मेडल के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है। मनु अगर इस प्रतिस्पर्धा में भी मेडल जीत जाती हैं तो एक ही ओलंपिंक में मेडल की हैट्रिक लगाकर वो एक नया रिकॉर्ड कायम कर देंगी।

मनु ने मौजूदा ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल के एकल वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का खाता खोला था। इसके बाद 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम प्रतिस्पर्धा में मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने ब्रॉन्ज मेडल जीत कर देश का मान बढ़ाया है। इसी के साथ भारत के हिस्से अभी तक आए दोनों मेडल मनु भाकर की बदौलत ही मिले हैं। आपको बता दें कि मनु ने पहला मेडल जीतने के बाद बताया था कि वो गीता के ज्ञान की बदौलत ही मेडल जीत सकी हैं।

मनु ने कहा था कि मैं भगवद गीता का पाठ करती हूं, तो मेरे दिमाग में बस गीता ज्ञान चल रहा था, मैं सोच रही थी, बस वही करो, जो तुम यहां करने आए हो, आप नियति को नियंत्रित नहीं कर सकते। गीता में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए संदेश कर्म करो, फल की चिंता मत करो ने मेरे दिमाग में गहरा प्रभाव छोड़ा। 2020 में टोक्यो ओलंपिक में मनु भाकर की पिस्टल में तकनीकी खराबी आने के चलते वो क्वालीफाई नहीं कर पाई थीं और उसके बाद एक समय ऐसा भी आया था जब उन्होंने शूटिंग छोड़ने का मन बना लिया था, तब श्रीमद्भगवतगीता ही उनका सहारा बनी।