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Deepti Sharma Mankading: दीप्ति शर्मा के समर्थन में आए आर अश्विन, इंग्लैंड की खिलाड़ी को किया था माकंड आउट

Deepti Sharma Mankading: दीप्ति शर्मा ने चालाकी दिखाते हुए जब इंग्लैंड की बल्लेबाज को आउट कर इस मैच को भारत की झोली में डाल तो उनका ये स्टाइल ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। इसके बाद कुछ लोग इसको गलत तो कुछ सही ठहरा रहे थे।

नई दिल्ली। बीते शनिवार को भारत और इंग्लैंड की महिला क्रिकेट टीम के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मैच खेला गया। इस दौरान एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरी दुनिया में खलबली मचा कर रख दी। जीं हा, दरअसल, भारत की हरफनमौला खिलाड़ी दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड के सामने अपने क्रिकेट का सेंस ऑफ ह्यूमर दिखाते हुए बल्लेबाज सेट शार्लट डीन को मांकड आउट करके इतिहास रच दिया। बता दें भारतीय टीम ने करीब 36 साल बाद पहली बार इंग्लैंड का उसी की धरती पर सूपड़ा साफ किया है। लेकिन इस मैच में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय दीप्ति शर्मा का इंग्लैंड की खिलाड़ी को आउट करने का तरीक है। बता दें कि आईसीसी के हाल के नियम के अनुसार अब इस तरह से आउट करना आधिकारिक तौर पर सही माना जा रहा है।


दीप्ति शर्मा ने चालाकी दिखाते हुए जब इंग्लैंड की बल्लेबाज को आउट कर इस मैच को भारत की झोली में डाल तो उनका ये स्टाइल ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। इसके बाद कुछ लोग इसको गलत तो कुछ सही ठहरा रहे थे। इसी कड़ी में भारतीय स्पिन गेंदबाज आर अश्विन ने दीप्ति शर्मा का समर्थन किया। इसके पीछे एक वजह ये भी थी साल 2019 में आर अश्विन ने भी आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के जोस बटलर को कुछ इसी तरह मांकड आउट किया था। उस वक्त भी इस तरह से किसी खिलाड़ी को आउट करने को लेकर काफी वाद-विवाद का दौर चला था। इसके बाद अब दीप्ति शर्मा के एक बार फिर से इस तरह से आउट करने के बाद अश्विन फिर से ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे।


अश्विन ने दीप्ति शर्मा के इस चालाकि भरे क्षण के लिए ट्वीट किया। अश्विन का ये ट्विट तब आया जब ट्विटर पर उनका नाम भी ट्रेंड कर रहा था। इसके बाद उन्होंने बीते रात करीब 11.30 बजे ट्वीट करते हुए दीप्ति शर्मा का समर्थन किया। उन्होंने लिखा कि, “आप लोग मुझे क्यों ट्रेंड कर रहे हो? आज की रात की हीरो एक अन्य गेंदबाज हैं।” जानकारी के लिए बता दें कि आईसीसी ने हाल में ही मांकडिंग लॉ 40.16 खेल से रन-आउट नियम 38 में शिफ्ट कर दिया था। जिसका मतलब हुआ कि अब आधिकारिक रूप से मांकडिंग को खेल भावना के खिलाफ नहीं माना जाएगा।