newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Rinku Singh: IPL में अपना जलवा बिखेरने वाले रिंकू सिंह कभी कोचिंग सेंटर में लगाते थे झाड़ू-पोछा, एक बात के लिए हमेशा पड़ती थी पिता से मार

Rinku Singh: रिंकू अपने घर की आर्थिक स्थिति को लेकर भी परेशान थे, इसलिए उन्होंने खेल के साथ-साथ नौकरी करने का भी फैसला लिया।

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग का बीते दिन का मैच काफी रोमांचक रहा। रविवार को गुजरात टाइटन्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच भिड़ंत देखने को मिली और सिर्फ रिंकू सिंह की वजह से टीम हारते-हारते जीत गई। कल के मैच की सारी लाइमलाइट रिंकू सिंह के नाम रही। रिंकू ने अपने धमाकेदार परफॉर्मेंस से टीम को जीत दिला दी। आखिरी ओवर में रिंकू सिंह ने सारा पासा पलट दिया। मैच के बाद से सोशल मीडिया पर रिंकू सिंह छा गए हैं, तो चलिए जानते हैं कि रिंकू सिंह कौन हैं।

rinku singh

5 भाई-बहनों के साथ रहते है रिंकू

रिंकू उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले हैं। उनका जन्म 12 अक्टूबर 1997 को हुआ था। रिंकू एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते है, जिसके आर्थिक हालात कमजोर रहे। क्रिकेटर के पिता  गैस सिलिंडर डिलीवरी का काम करते थे। उनके 5 बच्चे हैं और रिंकू तीसरे नंबर का बच्चा है और उनके भाई और बहन भी हैं। रिंकू बचपन से ही अच्छा क्रिकेट खेलते थे और वो चाहते थे कि बड़े होकर क्रिकेटर बने। हालांकि रिंकू के पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ाई छोड़कर खेलकूद पर ध्यान दें।

rinku singh1

क्रिकेट खेलने को लेकर कई बार उनके पिता उनकी जमकर पिटाई करते थे लेकिन रिंकू ने हार नहीं मानी और क्रिकेट के मैच खेलते रहे और जीतते रहे लेकिन जब रिंकू ने दिल्ली के मैच में बाइक जीती तो उनके पिता को विश्वास हो गया कि बेटा इसी खेल में बड़ा नाम कमाएगा।

 झाड़ू-पोछा लगाने की मिली थी पहली नौकरी

रिंकू अपने घर की आर्थिक स्थिति को लेकर भी परेशान थे, इसलिए उन्होंने खेल के साथ-साथ नौकरी करने का भी फैसला लिया। क्रिकेटर की पहली नौकरी कोचिंग सेंटर में झाड़ू-पोछा लगाने की लगी, हालांकि वहां भी रिंकू ज्यादा समय तक टिक नहीं पाए। जिसके बाद उन्होंने अपने पूरा समय सिर्फ और सिर्फ अपने खेल को दिया और आज परिणाम आपके सामने है। रिंकू को मुताबिक दो लोगों की मेहनत और मदद की वजह से उनका करियर चल पड़ा। पहला मसूद अमीन, जिन्होंने रिंकू को बचपन में ट्रेनिंग दी थी और दूसरे मोहम्मद जीशान, जिन्होंने क्रिकेट ट्रेनिंग के दौरान काफी मदद की थी।