
नई दिल्ली। क्रिकेटर यश दयाल के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में उन्हें इलाहाबाद कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अनिल कुमार की बेंच ने यश दयाल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। साथ ही बेंच ने मौखिक रूप से कहा कि किसी को एक दिन, दो दिन या तीन दिन मूर्ख बनाया जा सकता है लेकिन पांच साल तक मूर्ख नहीं बनाया जा सकता। कोर्ट ने यह टिप्पणी यश दयाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला की उस बात पर की जिसमें उसने दावा किया कि करीब 5 साल से यश दयाल शादी का झांसा देकर उसका यौन उत्पीड़न कर रहे हैं।
महिला ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में यश दयाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। साथ ही मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की थी। एफआईआर दर्ज होने के साथ ही यश दयाल को गिरफ्तारी का डर सताने लगा जिसके चलते उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की और अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को झूठे तथ्यों पर आधारित बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की। यश दयाल ने उस महिला के खिलाफ प्रयागराज के खुल्दाबाद थाने में तहरीर दी है। अपने वकील के माध्यम से यश दयाल ने महिला पर ब्लैकमेल करने का गंभीर आरोप लगाया है और उसके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
Prayagraj, Uttar Pradesh: On Cricketer Yash Dayal’s case, Advocate Gaurav Tripathi says, “…The FIR contains allegations under Section 69 of the BNS, where the complainant alleges that the accused established physical relations with her under the false promise of marriage…At… pic.twitter.com/pFVxHnmqwS
— IANS (@ians_india) July 15, 2025
यश दयाल आईपीएल की फ्रेंचाइजी टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) का हिस्सा हैं। महिला ने यश दयाल पर यह भी आरोप लगाया है कि उसके कई अन्य महिलाओं से संबंध हैं। यश दयाल के खिलाफ 6 जुलाई को महिला द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 69 (झांसा देकर यौन संबंध बनाने) के तहत केस दर्ज किया गया है। जब से महिला ने यश दयाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं तभी से यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।