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Cricket Fact: टीम इंडिया का वो बल्लेबाज, जो नहीं हुआ कभी RUN OUT, उसकी एंट्री होते ही खौफ में आ जाते थे गेंदबाज

Kapil Dev: कपिल देव ने ही तेज़ गेंदबाज़ी की दुनिया में भारत का नाम स्थापित किया था। कपिल का नाम उन खिलाड़ियों में शुमार था, जिनके सामने विरोधी टीमों के बल्लेबाज खड़े-खड़े कांपने लगते थे। कपिल की खासियत थी कि वो नोबॉल से नफरत करते थे। गेंदबाजी के दौरान वो इसका खास ख्याल रखते थे।

नई दिल्ली। क्रिकेट, भारत का राष्ट्रीय खेल तो नहीं है, मगर क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों के तादाद में भारत दुनिया के पहले नंबर पर है। भारत में लोग क्रिकेट को खेलाना और देखना ही नहीं, बल्कि क्रिकेट को जीना पंसद करते हैं। वहीं बात क्रिकेट खिलाड़ियों की करें, तो भारत ने दुनिया को ऐसे खिलाड़ी दिए हैं, जिनका मुकाबला कोई नहीं कर सका। आज जिस खिलाड़ी की बात हम आपसे करने जा रहे हैं, वो क्रिकेट की दुनिया के ऐसे दिग्गज रहे हैं, जिनके सामने विरोधी टीम मैदान में उतरने से पहले ही कांपने लगती थीं। उस खिलाड़ी ने ना केवल भारतीय टीम को ऊचाइंयों पर पहुंचाया, बल्कि ऐसे कीर्तिमान स्थापित कर दिए, जिन्हें आज तक कोई भी खिलाड़ी ध्वस्त करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।KAPIL DEV 2

जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव की। कपिल देव टीम इंडिया के ऐसे धाकड़ खिलाड़ी रहे है, जो अपने करियर के दौरान टेस्ट पारियों में एक बार भी रन आउट नहीं हुए। वे पिच पर मुस्तैद फिल्डरों की पैनी निगाहों से रन चुराने का हूनर बखूबी जानते हैं। इतना ही नहीं, 221 वनडे मैचों में बल्लेबाज़ी के दौरान, वे महज 10 बार रन आउट हुए। कपिल देव की ही कप्तानी में टीम इंडिया ने साल 1983 में वेस्टइंडीज को हराकर पहले वनडे वर्ल्ड कप पर कब्जा किया था। कपिल देव हमेशा ही अपनी धाकड़ बल्लेबाजी और कातिलाना गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे। कपिल ने भारत के लिए 131 टेस्ट मैच खेले। जिसमें उन्होंने 5,248 रन बनाए और 434 विकेट हासिल किए। विकेट में उनका यह रिकॉर्ड कई सालों तक बरकरार रहा। वनडे क्रिकेट की बात करें तो कपिल देव 3 हजार से ज्यादा रन बना चुके हैं और 253 विकेट चटकाए हैं।

नोबॉल फेंकने नफरत करते थे कपिल

कपिल देव ने ही तेज़ गेंदबाज़ी की दुनिया में भारत का नाम स्थापित किया था। कपिल का नाम उन खिलाड़ियों में शुमार था, जिनके सामने विरोधी टीमों के बल्लेबाज खड़े-खड़े कांपने लगते थे। कपिल की खासियत थी कि वो नोबॉल से नफरत करते थे। गेंदबाजी के दौरान वो इसका खास ख्याल रखते थे। जिसकी बदौलत उन्होंने अपने टेस्ट करियर में महज 20 दफ़ा नोबॉल फेंकी होंगी।