
नई दिल्ली। क्या लगता है आपको कि क्रिकेट में सिर्फ बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फिल्डिंग ही मायने रखती है, नहीं मान्यवर, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। सिर्फ किसी टीम की गेंदबाजी या बल्लेबजी या फिर फिल्डिंग के आधार पर अगर आप किसी टीम को जज कर रहे हैं, तो हम कहेंगे कि आप उस टीम के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं। अब आप मन ही मन झल्लाकर कहेंगे कि भइया ऐसा क्यों? तो ऐसा इसलिए, क्योंकि किसी भी मैच में बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फिल्डिंग के अलावा कुछ अन्य कारक भी होते हैं, जो कि मैच के नतीजों को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
मसलन, मैच के दौरान मौसम का सूरतेहाल, क्योंकि मौसम का असर सीधा पिच की दशा पर पड़ता है, जिसका सीधा प्रभाव बल्लेबाजी और गेंदबाजी की लय पर पड़ता है। आमतौर पर पिच अगर नमी युक्त होती, तो गेंदबाजों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, इसके अलावा आपको पहले गेंदबाजी करने का मौका मिलेगा या गेंदबाजी की। इसकी भूमिका भी नतीजों को निर्धारित करने में अहम हो जाती है।
वहीं, जब 19 नवंबर को दुनिया की दो सर्वश्रेष्ठ टीमें अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आपस में भिड़ेगी, तो यह देखना दिलचस्प रहेगा दोनों में से कौन टॉस जीतती है। टॉस जीतने वाली टीम के पास पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने का अधिकार होता है, तो जाहिर है कि टॉस जीतने वाली टीम नरेंद्र मोदी स्टेडियम के मौजूदा सूरतेहाल को ध्यान में रखते हुए कप्तान पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करें। वहीं, पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम इस पिच पर आसानी से 350 तक रन ठोक सकती है। ऐसे में कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया की पूरी कोशिश रहेगी कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करें, क्योंकि जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, तो इस पर पिच पर बल्लेबाजी करना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच में टॉस की भूमिका अहम हो जाती है।
आपको बता दें कि बीते गुरुवार को महाराष्ट्र के वानखेड़े स्टेडियम में साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला हुआ था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की थी। उधर, रविवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल का मुकाबला होना है। ऐसे में कौन जीत का खिताब कौन अपने नाम करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।