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रणजी मैच में विष्णु सोलंकी ने दिखाया दम, नवजात बच्ची के निधन से लगा सदमा; फिर भी पिच पर दिखाया बल्ले का जौहर

विष्णु रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए मैदान में उतरे और उतरते ही इतिहास रच दिया। उन्होंने अपनी बड़ौदा टीम को जॉइन किया। वह इस सीजन का पहला मैच चंडीगढ़ के खिलाफ 24 फरवरी को खेलने उतरे। यह मैच कटक में खेला जा रहा है। यह मैच कटक में खेला जा रहा है।

नई दिल्ली। इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। एक वे जो मुसीबतों के आगे घुटने टेककर समझौता कर लेते हैं और एक वे जो मुसीबतों का दट कर सामना करके इतिहास रच देते हैं। अब आप खुद को किस फेहरिस्त में शुमार रखते हैं। पूरी खबर से रूबरू होने के बाद आप हमें कमेंट करके बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा। लेकिन अभी जिस खबर से हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं, उसे जानकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी। आपका दिल भर जाएगा। यह खबर खेल जगत से जुड़ी हुई है। यूं तो खेल जेगत में कभी कोई खिलाड़ी अपनी शानदार बल्लेबाजी के लिए, तो कोई अपने अभूतपूर्त रिकॉर्ड के लिए इतिहास रचता ही रहता है, लेकिन आज जिस खिलाड़ी के बारे में हम आपको बतान जा रहे हैं, उसने यकीनन अपने प्रदर्शन से सभी को रूला दिया। इस खिलाड़ी का नाम विष्णु सोलंकी है। इनके घर में एक बेटी ने जन्म लिया था, लेकिन शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था। उनकी नन्हीं सी बेटी ने दुनिया मे आते ही दुनिया को  अलविदा कह दिया। उनकी बेटी का निधन हो गया। परिवार में गमजदा माहौल था। उनकी पत्नी से लेकर उनके परिवार के प्रत्येक सदस्य का रूदन भरी वेदना से हाल बेहाल था। लेकिन विष्णु ने खुद को और और अपने परिवार को संभालते हुए नए मन से जीवन जीने की प्रेरणा दी। लिहाजा विष्णु ने आगे नए जोश-ओ-खरोश के साथ मैदान में उतरने का मन बनाया।

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बता दें कि विष्णु रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए मैदान में उतरे और उतरते ही इतिहास रच दिया। उन्होंने अपनी बड़ौदा टीम को जॉइन किया। वह इस सीजन का पहला मैच चंडीगढ़ के खिलाफ 24 फरवरी को खेलने उतरे। यह मैच कटक में खेला जा रहा है। यह मैच कटक में खेला जा रहा है। इसी मैच में विष्णु सोलंकी ने शानदार पारी खेली। उन्होंने 161 बॉल पर 103 रनों की नाबाद पारी खेली। विष्णु 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे थे। विष्णु ने 63.97 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हुए पारी में 12 चौके जमाए। तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि कैसे उन्होंने अपने तमाम पारिवारिक गमों को परे रखकर किस तरह खेल की दुनिया में इतिहास रच दिया है।

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शायद आपको याद हो कि आज से कुछ साल पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन विराट कोहली ने अपने पिता के निधन के बावजूद भी मैदान में उतरकर बल्लेबाजी करने का फैसला कर लिया था। उस वक्त उनके इस फैसले ने  देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है और उनके मैदान में उतरने के बाद कोहली ने अपने बल्ले से जो जोहर दिखाए थे, उससे तो आप वाकीफ ही होंगे। लिहाजा आपका विष्णु सोलंकी के इस अभूतपूर्व प्रदर्शन पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना मत भूलिएगा।