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Sania Mirza: ‘जब मैं 6 साल की बच्ची थी, तब..’ सानिया ने लिखा भावुक पोस्ट, बताया कब खलेंगी आखिरी मुकाबला

Sania Mirza: सानिया ने आगे अपने ट्विटर पोस्ट में लिखा कि अपने देश के लिए मेडल जीतना मेरे लिए गर्व की बात थी और मैं खुद को पोडियम पर खड़े होकर खुद को विनम्र महसूस करती हूं। यकीनन यह मेरे लिए अविस्मरणीय पल था। मैंने अपने जीवन में वो सब कुछ हासिल किया था, जिसका मैंने सपना देखा था और यकीन मानिए यह सब बयां करते हुए मेरी आंखें नम हो जाती हैं और मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

नई दिल्ली। भारतीय टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा कब अपना आखिरी मुकाबला खेलेंगी? आखिर वह कब अपनी पारी को विराम देंगी? इस बात का सवाल तो फिलहाल अगर कोई दे सकता है, तो वो खुद सानिया मिर्जा हैं। लेकिन वो कब इन मुद्दों पर राय देंगी। इसकी जानकारी किसी के पास नहीं थी, मगर अब सानिया ने इन सवालों के जवाब अपने ट्विटर पोस्ट पर विस्तार से दिए हैं। जिसमें उन्होंने अपने करियर के अब तक के सफर के बारे में विस्तार से सबकुछ बताया है। उन्होंने उस पोस्ट में बताया है कि कैसे उन्होंने महज एक छोटी-सी शुरुआत से अपने करियर को नई उड़ान दी। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर उन्होंने अपने पोस्ट में क्या कुछ कहा है।

Sania Mirza-Shoaib Malik

 

आपको बता दें कि सानिया मिर्जा ने अपने पोस्ट में कहा कि आज से 30 साल पहले एक 6 साल की छोटी लड़की अपनी मां के साथ नस्र स्कूल गई और अपने टेनिस कोच से लड़ने लगी कि उसे टेनिस खेलने दिया जाए। लेकिन उस वक्त कोच को लगा था कि वह लड़की अभी बहुत छोटी है। उस लड़की ने कभी हार नहीं मानी। तमाम बाधाओं को मात देते हुए अपने सपनों को मुकम्मल करने जीजान से जुट गई। हमने अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के साथ विश्व बिरादरी के समक्ष देश का नाम ऊंचा करने की दिश में तमाम दुश्वारियों को मात दिया। सानिया ने आगे अपने पोस्ट में लिखा कि आज मैं जब अपने करियर मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे महसूस होता है कि मैंने अपने देश के लिए कितने टूर्नामेंट खेले। मैंने वो सभी टूर्नामेंट ना महज खेला, बल्कि उसमें जीत भी हासिल की। यह सबकुछ अगर आज संपन्न हो पाया, तो इसमें ईश्वर का योगदान है। बिना ईश्वर के योगदान के कुछ भी संभव नहीं है और आज की तारीख मैं ईश्वर का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं।


सानिया ने आगे अपने ट्विटर पोस्ट में लिखा कि अपने देश के लिए मेडल जीतना मेरे लिए गर्व की बात थी और मैं खुद को पोडियम पर खड़े होकर खुद को विनम्र महसूस करती हूं। यकीनन यह मेरे लिए अविस्मरणीय पल था। मैंने अपने जीवन में वो सब कुछ हासिल किया था, जिसका मैंने सपना देखा था और यकीन मानिए यह सब बयां करते हुए मेरी आंखें नम हो जाती हैं और मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आज यकीनन मैं बहुत खुश होती हूं। इस बीच उन्होंने पोस्ट में अपने माता-पिता, शिक्षकों सहित भाई और बहनों का भी शुक्रिया अदा किया। मैं उनमें से हर एक को योगदान, हंसी, आंसू, दर्द और खुशी जो हमने साझा की है, के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। यह आप सभी हैं, जिन्होंने मेरे जीवन के सबसे कठिन दौर में मेरी मदद की है और हैदराबाद की इस छोटी सी लड़की को न केवल सपने देखने की हिम्मत दी बल्कि उन सपनों को हासिल करने में भी मदद की।

इसके साथ ही सानिया ने अपने करियर के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि मैंने अपना समस्त जीवन टेनिस को समर्पित किया है। मेरा ग्रैंड स्लैम सफर 2005 में ऑस्ट्रेलियन ओपन के साथ शुरू हुआ था। जब मैं पहला ऑस्ट्रेलियन ओपन खेलने के 18 साल बाद अपना आखिरी ऑस्ट्रेलियन ओपन खेलने के लिए तैयार हो रहा हूं, और फिर फरवरी में दुबई ओपन, मेरे अंदर बहुत सारी भावनाएं गर्व और कृतज्ञता के साथ चमक रही हैं। मैंने अपने करियर में वो सबकुछ प्राप्त किया है, जिसे शायद ही कभी मैं शब्दों में बयां कर पाऊंगी। बता दें कि अभी सानिया मिर्जा का यह ट्वीट अभी खासा तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं।

Sania Mirza and Shoaib Malik

बहरहाल, अब आगामी दिनों में सानिया मिर्जा अपने करियर के लिहाज से क्या कुछ कदम उठाती हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले सानिया अपने वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाओं की वजह से सुर्खियों में थीं। लेकिन बाद में उन्होंने खुद आगे आकर खुद के वैवाहिक जीवन में सबकुछ दुरूस्त होने की बात कही थी। बहरहाल, अब अपने करियर के लिहाज से सानिया क्या कुछ कदम उठाती हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।