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Champions Trophy ‘White Blazer’ : चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता टीम को क्यों दिया जाता है ‘व्हाइट ब्लेजर’? पहली बार कब हुई थी शुरुआत?

Champions Trophy ‘White Blazer’ : चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ट्रॉफी के साथ सफेद ब्लेजर में नजर आए। टीम इंडिया के हर खिलाड़ी के चेहरे पर दिख रही जीत की चमक को उनके व्हाइट ब्लेजर ने और निखार दिया। भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है।

नई दिल्ली। चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ट्रॉफी के साथ सफेद ब्लेजर में नजर आए। टीम इंडिया के हर खिलाड़ी के चेहरे पर दिख रही जीत की चमक को उनके व्हाइट ब्लेजर ने और निखार दिया। वैसे तो हर टीम का अपना अलग ड्रेस कोड होता है जैसे टीम इंडिया के खिलाड़ी ब्लू जर्सी और ब्लू ब्लेजर पहनते हैं मगर चैंपियंस ट्रॉफी विजेता टीम को व्हाइट ब्लेजर मिलता है। आखिर ऐसा क्यों है, आईसीसी खिलाड़ियों को व्हाइट ब्लेजर क्यों देती है और इसकी शुरुआत कब हुई, आइए आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

दरअसल आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम को सम्मान स्वरूप सफेद ब्लेजर देती है। यह सम्मान क्रिकेट के प्रति खिलाड़ियों के जज्बे के लिए होता है। इसे एक तरह से आईसीसी का ‘बैज ऑफ ऑनर’ भी कहा जा सकता है। इसके पीछे एक और उद्देश्य आने वाले खिलाड़ियों और अन्य टीमों को चैंपियंस ट्रॉफी जीत के लिए प्रोत्साहित करना भी है। चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत वैसे तो 1998 में हुई थी मगर आईसीसी ने चैंपियंस ट्रॉफी विजेता टीम को व्हाइट ब्लेजर देने की शुरुआत साल 2009 में की थी। उस साल दक्षिण अफ्रीका चैंपियंस ट्रॉफी का मेजबान देश था। फाइनल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच हुआ था जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने खिताब जीता था। इस तरह से व्हाइट ब्लेजर पहनने वाली ऑस्ट्रेलिया पहली टीम बनी थी।

भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह दूसरा मौका है जब टीम को व्हाइट ब्लेजर पहनने का मौका मिला। इससे पहले 2013 में भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में इंग्लैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी तब इंडियन टीम के खिलाड़ियों को पहली बार व्हाइट ब्लेजर मिला था। हालांकि टीम इंडिया दुनिया की एकमात्र ऐसी टीम है जिसने तीन बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है। भारत बार पहली बार 2002 में सौरव गांगुली की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी की संयुक्त विजेता रही थी। टीम इंडिया और श्रीलंका दोनों ही टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था। ऐसा इसलिए हुआ था क्यों कि फाइनल के दोनों ही दिन बारिश के कारण मैच की दूसरी पारी नहीं हो सकी थी।