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Sachin Tendulkar: जब विराट के खास गिफ्ट को सचिन ने लौटा दिया था; क्रिकेट के भगवान का ऐसा रहा था रिएक्शन, देखें वीडियो

Sachin Tendulkar:सचिन जब अपना आखिरी टेस्ट वेस्टइंडीज के विरूद्ध खेल रहे थे, तो खुद उनकी आंखें नम तो थी हीं, पूरा देश यह अनुभव कर रहा था कि अब तेंदुलकर भारत के लिए नीली या सफेद जर्सी में प्रतिनिधित्व करते दिखाई नहीं देंगे। ड्रेसिंग रूम भी उस अनमोल लम्हें को समझ रहा था, और सचिन को वह दिन खास बनाने के लिए सब खिलाड़ी अपने तईं कोशिश कर रहे थें।

नई दिल्ली। एक समय था जब भारतीय क्रिकेट, सचिन तेंदुलकर के बिना अधूरा समझा जाता था।  200 टेस्ट और 463 वनडे खेलने वाले सचिन दशकों तक भारतीय क्रिकेट टीम के रीढ़ की हड्डी रहे थे। सचिन जब अपना आखिरी टेस्ट वेस्टइंडीज के विरूद्ध खेल रहे थे, तो खुद उनकी आंखें नम तो थी हीं, पूरा देश यह अनुभव कर रहा था कि अब तेंदुलकर भारत के लिए नीली या सफेद जर्सी में प्रतिनिधित्व करते दिखाई नहीं देंगे। ड्रेसिंग रूम भी उस अनमोल लम्हें को समझ रहा था, और सचिन को वह दिन खास बनाने के लिए सब खिलाड़ी अपने तईं कोशिशें कर रहे थें। विराट कोहली भी उस समय ड्रेसिंग रूम का हिस्सा थे, और उन्होंने भी तेंदुलकर को अपनी एक अनमोल गिफ्ट भेंट की, लेकिन तेंदुलकर को वह गिफ्ट इतना महान और कीमती लगा कि उन्होंने उसे विराट के पास ही रहने देने का निश्चय किया। बहरहाल, क्या था वो गिफ्ट? और क्यों तेदुलकर ने उसे विराट को वापस कर दिया, आइए जानते हैं..

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विराट ने एक ‘पवित्र लाल धागे’ को किया था गिफ्ट

क्रिकेट के भगवान यानी तेंदुलकर जब वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले रहे थे, तो उस समय विराट कोहली ने सचिन को एक अनमोल तोहफा दिया था। वह अनमोल तोहफा एक ​​’पवित्र लाल धागा’ था, जो विराट को खुद उनके पिता से मिला था। विराट के पिता का नाम प्रेम कोहली था, जो अब दुनिया छोड़ चुके हैं। तेंदुलकर ने अब उस घटना को याद करते हुए कहा है कि वह उनके लिए काफी भावुक करने वाला लम्हा था और विराट के उस गिफ्ट ने मेरा दिल छू लिया था।

ग्राहम बेंसिंगर के साथ बातचीत में तेंदुलकर ने किया खुलासा

ग्राहम बेंसिंगर एक अमेरिकी पत्रकार हैं। उनके साथ बातचीत में सचिन ने बतौर अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी अपने अंतिम मैच को याद करते हुए कहा, ‘ड्रेसिंग रूम में मैं एक कोने में था और अपने आंसू पोंछ रहा था। वह लम्हा मेरे लिए काफी भावुक करने वाला था। उस समय विराट मेरे पास आया था और उसने मुझे एक पवित्र लाल धागा दिया था, वह धागा उसके पिता प्रेम कोहली ने उसे दिया था। मैंने कुछ देर तक उस धागे को अपने पास रखा और फिर उसे वापस उसे लौटा दिया, और मैंने उससे कहा था कि, ये अनमोल है और इसे तुम्हें अपने पास ही रखना चाहिए, इसे किसी और के पास नहीं होनी चाहिए। ये तुम्हारी अमानत है और इसे तुम्हें अंतिम सांस तक अपने पास रखनी चाहिए। मुझे लगता है कि वो भावुक पल हमेशा मेरी यादों में रहेगा।’