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Cyber Security: 93 फीसद भारतीय कंपनियों को नहीं है साइबर सुरक्षा की पूरी जानकारी, रिपोर्ट से खुलासा

Cyber Security: रैंसमवेयर के मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह कर्मचारियों के बीच साइबर सुरक्षा की जानकारी का अभाव है। आपको बता दें कि रैंसमवेयर एक वायरस से भरा सॉफ्टवेयर है, जो डेटा या कंप्यूटर सिस्टम को हानि पहुंचाता है।

नई दिल्ली। रैंसमवेयर के मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह कर्मचारियों के बीच साइबर सुरक्षा की जानकारी का अभाव है। आपको बता दें कि रैंसमवेयर एक वायरस से भरा सॉफ्टवेयर है, जो डेटा या कंप्यूटर सिस्टम को हानि पहुंचाता है। आपके डेटा पर घात लगाए बैठे साइबर अपराधी इसका इस्तेमाल कर सारी जानकारी हासिल कर लेते हैं। इससे डेटा हमेशा के लिए चला जाता है। हैरान करने वाली बात यह है कि 93 फीसदी भारतीय कंपनियों के कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा की जानकारी ही नहीं हैं। यूके स्थित साइबर सुरक्षा फर्म सोफोस ने पिछले 12 महीनों में एशिया प्रशांत और जापान के संगठनों में साइबर सुरक्षा व्यय और स्व-मूल्यांकन परिपक्वता को समझने के लिए एक सर्वे रिपोर्ट जारी की है।


इस सर्वे रिपोट के मुताबिक, द फ्यूचर ऑफ साइबरसिक्योरिटी इन एशिया पैसिफिक एंड जापान में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, मलेशिया, फिलीपींस और सिंगापुर में कुल 900 प्रतिक्रियाएं दर्ज की गईं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में 61 प्रतिशत कंपनियां साइबर सुरक्षा को समझने का दावा करती है, लेकिन असलियत में इस बारे में उन्हें कोई जानकारी ही नहीं है। 86 प्रतिशत कंपनियों का कहना है कि साइबर सुरक्षा विक्रेता उन्हें वह जानकारी प्रदान नहीं करते हैं जो उन्हें शिक्षित कर सके। लगभग 93 प्रतिशत कंपनियां सहमत हैं कि अगले 24 महीनों में उनकी सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती कर्मचारियों और नेतृत्व की जागरूकता और शिक्षा होगी।

सोफोस में एशिया पैसिफिक और जापान के वैश्विक समाधान इंजीनियर आरोन बुगल ने एक बयान में कहा- “रैंसमवेयर के हमले लगातार बढ़ते जा रहे है। ऐसे में संगठनों को एक वास्तविक, कार्रवाई योग्य साइबर सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम की आवश्यकता है।” उन्होंने आगे कहा- “मुद्दा तकनीक नहीं, शिक्षा है। साइबर सुरक्षा पर बढ़ते खर्च से तब तक मदद नहीं मिलेगी जब तक कि संगठन ऊपर से वास्तविक प्रकृति और महत्वपूर्ण खतरे को नहीं समझता हैं। उन्होंने साइबर सुरक्षा शिक्षा पर ध्यान देने का सुझाव दिया।”