
नई दिल्ली। भारत में 115 करोड़ लोगों के पास मोबाइल कनेक्शन है। ज्यादातर लोग स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। वहीं, कम लोग पुराने छोटे 2जी मोबाइल का इस्तेमाल बातचीत करने के लिए करते हैं। भारत में सभी मोबाइल धारकों को एक बार फिर टेलीकॉम सेवा देने वाली कंपनियों से झटका लग सकता है। वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी बर्नस्टीन के मुताबिक भारत में मोबाइल सेवा देने वाली निजी कंपनियां एयरटेल, रिलायंस जिओ और वोडाफोन आइडिया एक बार फिर सभी प्लान महंगे कर सकती हैं। बर्नस्टीन के विश्लेषण का हवाला देते हुए मनी कंट्रोल ने बताया है कि इस साल दिसंबर तक मोबाइल सेवा देने वाली उपरोक्त कंपनियां अपने टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती हैं।
बर्नस्टीन का विश्लेषण बताता है कि इस बार निजी मोबाइल सेवा कंपनियां टैरिफ में 10 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं। इस तरह ये बीते 6 साल में सबसे ज्यादा टैरिफ लागू करेंगी। पहले जुलाई 2024 में एयरटेल, रिलायंस जिओ और वोडाफोन आइडिया ने अपनै टेरिफ में 25 फीसदी तक बढ़ोतरी की थी। बर्नस्टीन के मुताबिक मोबाइल टेलीकॉम सेवा देने वाली कंपनियां अपनी आय को ज्यादा करने के लिए टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती हैं। मोबाइल सेवा देने वाली रिलायंस जिओ ने 5जी की शुरुआत करने के बाद सबसे सस्ती सेवा दी थी। फिर एयरटेल और अन्य कंपनियों को भी अपने टैरिफ में बदलाव करने पड़े थे। बाद में कंपनियों को ज्यादा मुनाफा न होने के कारण सभी ने टैरिफ बढ़ाए थे।
बर्नस्टीन के मुताबिक भारत में मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियां चाहती हैं कि वो सालाना 10 फीसदी विकास दर का टार्गेट तय करें। इसके लिए वे नए ग्राहक जोड़ने की जगह मौजूदा ग्राहकों से ही ज्यादा पैसा निकालने पर ध्यान दे रही हैं। हालांकि, ग्राहक लगातार अपने सेवा प्रदाता बदलते भी रहते हैं। वोडाफोन आइडिया के ग्राहकों की संख्या पहले से कम हुई है। वहीं, बीएसएनएल भी 4जी और 5जी सेवा शुरू करने जा रहा है। जाहिर तौर पर बीएसएनएल की सेवा अगर निजी कंपनियों के टक्कर की और सस्ती हुई, तो दूसरी कंपनियों के ग्राहक बड़ी तादाद में उसकी तरफ भी जा सकते हैं।