Vivo India: ईडी ने वीवो पर लगाए संगीन आरोप, कहा- ‘कंपनी ने भारत की अखंडता को पहुंचाया खतरा!’

Vivo India: ईडी ने कोर्ट के सामने पेश किए हलफनामे में बताया कि चीनी कंपनी की भारतीय इकाई से जुड़ी कुल 22 कंपनियों की जांच जारी है। चीन में पैसे भेजने को लेकर इन कंपनियों की जांच की जा रही है। एजेंसी का आरोप है

Avatar Written by: July 25, 2022 12:10 pm

नई दिल्ली। चाइनीज मोबाइल कंपनी Vivo देश की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने के प्रयासों में लगी है। ईडी ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट को दिए एक हलफनामे में इस बात का जिक्र किया है। चीनी मोबाइल कंपनियों पर काफी लंबे समय से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और ईडी (ED) नकेल कस रहा है। ईडी (ED) ने वीवो (Vivo) और शाओमी (xiaomi) जैसी चीनी कंपनियों पर कई बार कार्रवाई भी की है। इन सभी कंपनियों पर हमेशा से ही टैक्स चोरी के आरोप लगते रहे हैं। अब ईडी वीवो के बारे में काफी बड़े-बड़े खुलासे कर रहा है। ईडी के अनुसार, वीवो के बैंक खातों की जांच करने से ये साफ जाहिर हो रहा है कि कंपनी मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है। ईडी ने कहा कि ये देश की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने का एक प्रयास मात्र है। ईडी ने कोर्ट के सामने पेश किए हलफनामे में बताया कि चीनी कंपनी की भारतीय इकाई से जुड़ी कुल 22 कंपनियों की जांच जारी है। चीन में पैसे भेजने को लेकर इन कंपनियों की जांच की जा रही है। एजेंसी का आरोप है कि इन 22 कंपनियों पर विदेशी नागरिकों या हांगकांग में स्थित विदेशी संस्थाओं का स्वामित्व स्थापित है। हलफनामे के अनुसार, “ये देखा गया है कि कंपनियों ने अधिकतर पैसा चीन में भेज दिया है। ये एक संदिग्ध घटना है और इसकी जांच जारी है।” वीवो ने पहले भी कहा था, कि वो सभी स्थानीय कानूनों का पालन करती है।

ईडी ने Vivo के जम्मू-कश्मीर डिस्ट्रीब्यूटर ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड पर भी कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस कंपनी ने कथित तौर पर अपने आप को वीवो इंडिया की सहायक कंपनी के रूप में गलत तरीके से पेश किया था। गौरतलब है कि, इस कंपनी पर पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते जांच चल रही है। ईडी ने आरोप लगाया कि कंपनी जाली दस्तावेजों के आधार पर चलाई जा रही थी। एजेंसी का कहना है कि GPICPL के निगमन में सहायता करने वाले एक सीए ने, जो नई दिल्ली बेस्ड है, अगस्त 2014 में वीवो के लिए भी ऐसा ही कुछ किया था। इसके अलावा, GPICPL  के इस्तेमाल के जरिए ईमेल कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की फाइलिंग में था। इसमें वीवो और GPICPL के बीच एक कनेक्शन नजर आ रहा था। ईडी के हलफनामे में भी इस बात का जिक्र किया गया है। ईडी के मुताबिक, “ये बातें वीवो और जाली दस्तावेजों के आधार पर बनाई गई कंपनी जीपीआईसीपीएल के मध्य गहरे संबंधों की तरफ इशारा करती है।”

एजेंसी ने अदालत को बताया कि GPICPL के दो डायरेक्टर Zhengshen Ou और Zhang Jie दिल्ली पुलिस द्वारा कंपनी पर एफआईआर दर्ज होने के ठीक 10 दिन बाद भारत छोड़कर चले गए। एजेंसी के अनुसार, कंपनी देश की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने की कोशिशों में लगी है। इस आरोप की पुष्टि के लिए एजेंसी ने उड़ीसा हाई कोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दे हुए साल 2020 के इस फैसले में मनी लॉन्ड्रिंग को वित्तीय आतंकवाद के रूप में भी दिखाया था।