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Sandhya Devanathan: गेमिंग एक्सपर्ट संध्या देवनाथन के हाथों मेटा की कमान, मिलेगी ये बड़ी जिम्मेदारी

Sandhya Devanathan: वहीं, भारत में कंपनी को किस तरह विस्तारित करना है, इस दिशा में भी देवनाथन को अपनी रुपरेखा तैयार करनी होगी। बता दें कि साल 2020 में देवनाथन ने APAC का रुख किया था। ध्यान रहे कि विगत दिनों कुछ तकनीकी कारणों को ध्यान में रखते हुए वाट्सएप के इंडिया हेड अभिजीत बोस और मेटा डॉयरेक्टर के राजीव अग्रवाल ने इस्तीफा दे दिया था।

नई दिल्ली। संध्या देवनाथन को मेटा इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर नियुक्त किया गया है। उन्हें कंपनी की तरफ कई अहम जिम्मेदारियां दी गईं हैं। वह 1 जनवरी 2023 को विधिवत रूप से सभी कार्यों का निर्वहन करेंगी। जिसकी रिपोर्ट वह मेटा के वाइस प्रेसिडेंट डैन नियरी को करेंगी। अतिशीघ्र ही देवनाथन विधिवत रूप से कंपनी के कार्यों को अंजाम देने के लिए भारत प्रस्थान करेंगी। संध्या ने व्यवसायों को बढ़ाना, असाधारण और समावेशी टीमों का निर्माण करना, उत्पाद नवीनता को बढ़ावा देना और मजबूत साझेदारी का निर्माण करना। आसार जताए जा रहे हैं कि उनके द्वारा पद ग्रहण करने के बाद कंपनी का प्रदर्शन बेहतर होगा। देवनाथन के समक्ष यह बड़ी चुनौती होगी कि पहले कंपनी के आगम में कैसे इजाफा किया जाए?

Sandhya Devanathan: The lady at the helm of Meta Platforms in India - Oneindia News

वहीं, भारत में कंपनी को किस तरह विस्तारित करना है, इस दिशा में भी देवनाथन को अपनी रुपरेखा तैयार करनी होगी। बता दें कि साल 2020 में देवनाथन ने APAC का रुख किया था। ध्यान रहे कि विगत दिनों कुछ तकनीकी कारणों को ध्यान में रखते हुए वाट्सएप के इंडिया हेड अभिजीत बोस और मेटा के डॉयरेक्टर राजीव अग्रवाल ने इस्तीफा दे दिया था। कंपनी ने राजीव अग्रवाल के इस्तीफे पर कहा कि उन्होंने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है।

वे अपने पंख को अब फैलाने चाहते हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने कंपनी को अलविदा कहने का मन बना लिया है। कंपनी को अलविदा कहते वक्त अभिजीत बोस ने अपने लिंकडिन पोस्ट में कहा कि, ‘यह समय हमारी टीम के लिए काफी मुश्किल भरा रहा। मुझे भारत में व्हाट्सएप के पहले कंट्री हेड के रूप में शामिल हुए 4 साल हो चुके हैं। एक छोटे से ब्रेक के बाद, मैंने उद्यमशीलता की दुनिया में फिर से शामिल होने की योजना बनाई है’।

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ध्यान रहे कि इससे पूर्व अजीत मोहन ने भी मेटा को अलविदा कह दिया था। जिसके बाद कई तरह के कयास लगने लगे। हालांकि, कयासों का दौर अभी-भी जारी है। अब ऐसे में यह कयास आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करेंगे। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। हालांकि, पिछले कुछ दिनों मेटा में हड़कंप का माहौल है। बीते दिनों कंपनी के 11 हजार से भी अधिक कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। जिसके बाद हर किसी को अपनी नौकरी गंवाने का डर सताने लगा कि कहीं अगला नंबर उनका ना आ जाए। फिलहाल, इस संदर्भ में कोई भी टिप्पणी करने से पूर्व उचित रहेगा कि थोड़ा इंतजार कर लिया जाए।