नई दिल्ली। अब मोबाइल फोन सस्ते होंगे। बजट से ठीक पहले मोदी सरकार ने मोबाइल फोन के पार्ट्स पर आयात शुल्क को घटा दिया है। मोबाइल फोन के पार्ट्स पर अब तक 15 फीसदी आयात शुल्क लगता था। इस शुल्क को घटाकर 10 फीसदी किया गया है। इससे मोबाइल फोन के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को भी फायदा होगा। मोदी सरकार के नए फैसले के तहत मोबाइल फोन के सिम सॉकेट, सेलुलर मॉड्यूल, मेटल पार्ट्स और अन्य आयात किए जाने वाले अवयवों पर आयात शुल्क कम हो गया है। भारत में तमाम मोबाइल कंपनियां फोन बनाती हैं। सरकार के इस फैसले से मोबाइल फोन के पार्ट्स के आयात पर अब इन कंपनियों को कम खर्च करना होगा। इससे मोबाइल फोन की कीमत भी गिरेगी।
Government of India slashes import duty on key components used in the production of mobile phones. The import duty has been reduced from 15 per cent to 10 per cent. pic.twitter.com/22CIz9Qoch
— ANI (@ANI) January 31, 2024
बीते दिनों ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव यानी जीटीआरआई की रिपोर्ट में कहा गया था कि मोबाइल फोन के आयातित पार्ट्स पर आयात शुल्क घटाया जा सकता है। माना जा रहा था कि अंतरिम बजट में मोदी सरकार की तरफ से ये कटौती करने का एलान होगा, लेकिन बजट से एक दिन पहले ही सरकार ने आयात शुल्क को कम करने का आदेश जारी किया। जीटीआरआई का कहना है कि अगर आयात शुल्क को कम किया गया, तो इससे भारत में स्मार्टफोन का बाजार भी विकसित होगा और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। जीटीआरआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयात शुल्क में कमी से स्मार्टफोन उद्योग बढ़ेगा और दीर्घकालिक विकास भी होगा। मोबाइल पार्ट्स पर आयात शुल्क कम किए जाने से भारत में इसका उत्पादन 28 फीसदी तक बढ़ सकता है। इससे 82 अरब डॉलर तक का कारोबार यहां स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां कर सकती हैं। आयात शुल्क में कमी से मोबाइल फोन सस्ते होंगे, तो इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कंपटीशन में भी आसानी होगी।
साल 2021 के आंकड़ों के मुताबिक उस वक्त भारत में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले 1.2 अरब लोग थे। इनमें से 75 करोड़ लोग स्मार्टफोन रखते थे। बीते दो साल में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भी इससे कहीं ज्यादा इजाफा देखने को मिला है। अगर भारत में मोबाइल फोन निर्माण की बात करें, तो ये साल 2023 में 200 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका था। मेक इन इंडिया के तहत मोबाइल फोन का भारत में निर्माण मोदी सरकार के दौर में काफी आगे बढ़ा है।