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Deepfake: जानिए क्या होता है डीपफेक, जिसके खिलाफ लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र लाएगा कानून

Deepfake: बीते कुछ महीनों में कई एक्ट्रेस और यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी तक का गरबा करते डीपफेक वीडियो सामने आ चुके हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर डीपफेक होता क्या है और इसे बनाया कैसे जाता है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद डीपफेक के खिलाफ कानून लाया जाएगा। दरअसल, बीते कुछ महीनों में कई एक्ट्रेस और यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी तक का गरबा करते डीपफेक वीडियो सामने आ चुके हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर डीपफेक होता क्या है और इसे बनाया कैसे जाता है। डीपफेक शब्द साल 2017 में आया था। तब एक रेडिट यूजर ने अश्लील वीडियो में चेहरा बदलने के लिए इसका इस्तेमाल किया था।

डीपफेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से वीडियो, तस्वीर और ऑडियो में छेड़छाड़ को कहते हैं। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नकली कंटेंट तैयार किया जाता है। किसी दूसरे की फोटो या वीडियो पर किसी और का चेहरा लगाकर उसे बदला जा सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बने ये वीडियो दिखने में असली लगते हैं, लेकिन हकीकत में वे फर्जी होते हैं। डीपफेक से फोटो, वीडियो या ऑडियो तैयार करने के लिए 2 तरह के एल्गोरिदम इस्तेमाल होते हैं। एक एनकोडर और दूसरा डिकोडर। डिकोडर पता लगाता है कि कंटेंट असली है या फर्जी। फिर इसे पहचानकर वो जानकारी को एनकोडर एल्गोरिदम को भेज देता है। फिर एनकोड किए गए कंटेंट को गलत डिकोडर में फीड कर डीपफेक तैयार होता है।

डीपफेक से तैयार किए गए वीडियो में चेहरे और शरीर के अन्य अंग कुछ हटकर दिखते हैं। वीडियो ऐसा भी हो सकता है, जिसमें दिखाए गए शख्स ने अपने शरीर में हरकत ही न की हो। इसके अलावा डीपफेक वीडियो के अलग-अलग हिस्सों में रंग भी अलग-अलग हो सकते हैं। इसकी वजह ये है कि पूरे वीडियो में अलग-अलग जगह कलर करेक्शन करने में काफी वक्त जाया करना पड़ता है और इतनी जहमत कोई उठाना नहीं चाहता।